इश्क Hindi Shayari

  • किसी पत्थर में मूर्त है, कोई पत्थर की मूर्त है;<br/>
लो हम ने देख ली दुनिया, जो इतनी खूबसूरत है;<br/>
ज़माना अपनी न समझे कभी पर मुझे खबर है;<br/>
कि तुझे मेरी ज़रूरत है और मुझे तेरी ज़रूरत है।Upload to Facebook
    किसी पत्थर में मूर्त है, कोई पत्थर की मूर्त है;
    लो हम ने देख ली दुनिया, जो इतनी खूबसूरत है;
    ज़माना अपनी न समझे कभी पर मुझे खबर है;
    कि तुझे मेरी ज़रूरत है और मुझे तेरी ज़रूरत है।
  • तेरा एहसान हम कभी चुका नहीं सकते;
    तू अगर माँगे जान तो इंकार कर नहीं सकते;
    माना कि ज़िंदगी लेती है इम्तिहान बहुत;
    तू अगर हो हमारे साथ तो हम कभी हार नहीं सकते।
  • ये इश्क भी नशा-ए-शराब जैसा है, यारो;
    करें तो मर जाएँ और छोड़े तो किधर जाएँ।
  • इब्तिदा-ए-इश्क़ है लुत्फ़-ए-शबाब आने को है;
    सब्र रुख़्सत हो रहा है इज़्तिराब आने को है।

    अनुवाद:
    इब्तिदा-ए-इश्क़ = इश्क़ की शुरुआत
    लुत्फ़-ए-शबाब = जवानी का मज़ा
    इज़्तिराब = बेचैनी
    ~ Fani Badayuni
  • आँखों में चाहत दिल में कशिश है;<br/>
फिर क्यों ना जाने मुलाकात में बंदिश है;<br/>
मोहब्बत है हम दोनों को एक-दूसरे से;<br/>
फिर भी दिलों में ना जाने यह रंजिश क्यों है।Upload to Facebook
    आँखों में चाहत दिल में कशिश है;
    फिर क्यों ना जाने मुलाकात में बंदिश है;
    मोहब्बत है हम दोनों को एक-दूसरे से;
    फिर भी दिलों में ना जाने यह रंजिश क्यों है।
  • कुछ उलझे हुए सवालों से डरता है दिल;
    ना जाने क्यों तन्हाई में बिखरता है दिल;
    किसी को पा लेना कोई बड़ी बात तो नहीं;
    पर उनको खोने से डरता है यह दिल।
  • क्या मांगू खुदा से तुम्हें पाने के बाद;<br/>
किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद;<br/>
क्यों इश्क़ में जान लुटा देते हैं लोग;<br/>
मैंने भी यह जाना तुमसे इश्क़ करने के बाद।Upload to Facebook
    क्या मांगू खुदा से तुम्हें पाने के बाद;
    किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद;
    क्यों इश्क़ में जान लुटा देते हैं लोग;
    मैंने भी यह जाना तुमसे इश्क़ करने के बाद।
  • दुःख में ख़ुशी की वजह बनी है मोहब्बत;<br/>
दर्द में यादों की वजह बनी है मोहब्बत;<br/>
जब कुछ भी ना रहा था अच्छा इस दुनिया में;<br/>
तब हमारे जीने की वजह बनी है यह मोहब्बत।Upload to Facebook
    दुःख में ख़ुशी की वजह बनी है मोहब्बत;
    दर्द में यादों की वजह बनी है मोहब्बत;
    जब कुछ भी ना रहा था अच्छा इस दुनिया में;
    तब हमारे जीने की वजह बनी है यह मोहब्बत।
  • मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा होगा;<br/>
बन के रूह मेरे जिस्म में उतर जाओ तो अच्छा होगा;<br/>
किसी रात तेरी गोद में सिर रख के सो जाऊं;<br/>
फिर उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा होगा।Upload to Facebook
    मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा होगा;
    बन के रूह मेरे जिस्म में उतर जाओ तो अच्छा होगा;
    किसी रात तेरी गोद में सिर रख के सो जाऊं;
    फिर उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा होगा।
  • जब कोई ख्याल दिल से टकराता है;
    दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है;
    कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है;
    कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है।