गुनाहगार के दिल से न बच के चल ज़ाहिद; यहीं कहीं तिरी जन्नत भी पाई जाती है! ज़ाहिद = धार्मिक व्यक्ति |
तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ, तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ, तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नहीं लेकिन, तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है, समझता हूँ! |
किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो, जिस्म से रूह को लेने फ़रिश्ते नहीं आते। |
आशिक़ था एक मेरे अंदर, कुछ साल पहले गुज़र गया; अब कोई शायर सा है, अज़ीब-अज़ीब सी बातें करता है! |
क्या जाने किसी की प्यास बुझाने किधर गयीं; उस सिर पे झूम के जो घटाएँ गुज़र गयीं! |
मैं भी ठहरूँ किसी के होंठों पे; काश कोई मेरे लिए भी दुआ कर दे! |
कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से; ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो। |
खामोश लबों से निभाना था ये रिश्ता; पर धड़कनों ने चाहत का शोर मचा दिया। |
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल; लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे! पासबान = चौकीदार, गार्ड |
बहुत खास होते हैं वो लोग जो आपकी आवाज़ से; आपकी खुशी और दुख का अंदाज़ा लगा लेते हैं! |