इज़हार Hindi Shayari

  • दिल समझता था कि ख़ल्वत में वो तन्हा होंगे;<br/>
मैंने पर्दा जो उठाया तो क़यामत निकली।<br/><br/>

Meaning:<br/>
खल्वत  =  एकांतUpload to Facebook
    दिल समझता था कि ख़ल्वत में वो तन्हा होंगे;
    मैंने पर्दा जो उठाया तो क़यामत निकली।

    Meaning:
    खल्वत = एकांत
    ~ Aziz Lakhnavi
  • फ़लक पे भोर की दुल्हन यूँ सज के आई है;<br/>
ये दिन उगा है या सूरज के घर सगाई है;<br/>
अभी भी आते हैं आँसू मेरी कहानी में;<br/>
कलम में शुक्र-ए- खुदा है कि 'रौशनाई' है|Upload to Facebook
    फ़लक पे भोर की दुल्हन यूँ सज के आई है;
    ये दिन उगा है या सूरज के घर सगाई है;
    अभी भी आते हैं आँसू मेरी कहानी में;
    कलम में शुक्र-ए- खुदा है कि 'रौशनाई' है|
    ~ Dr. Kumar Vishwas
  • बरस पड़ी थी जो रुख़ से नक़ाब उठाने में;<br/>
वो चाँदनी है अभी तक मेरे ग़रीब-ख़ाने में|Upload to Facebook
    बरस पड़ी थी जो रुख़ से नक़ाब उठाने में;
    वो चाँदनी है अभी तक मेरे ग़रीब-ख़ाने में|
    ~ Kaifi Azmi
  • अकबर दबे नहीं किसी सुल्ताँ की फ़ौज से;<br/>
लेकिन शहीद हो गए बीवी की नौज से।Upload to Facebook
    अकबर दबे नहीं किसी सुल्ताँ की फ़ौज से;
    लेकिन शहीद हो गए बीवी की नौज से।
    ~ Akbar Allahabadi
  • सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा;<br/>
इतना मत चाहो उसे वो बे-वफ़ा हो जायेगा।Upload to Facebook
    सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा;
    इतना मत चाहो उसे वो बे-वफ़ा हो जायेगा।
    ~ Bashir Badr
  • कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से;<br/>
ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो।Upload to Facebook
    कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से;
    ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो।
    ~ Bashir Badr
  • कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ;<br/>
किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ;<br/>
मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो;<br/>
मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ|Upload to Facebook
    कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ;
    किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ;
    मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो;
    मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ|
    ~ Dr. Kumar Vishwas
  • मैं रोया परदेस में, भीगा माँ का प्यार;<br/>
दुःख ने दुःख से बात की, बिन चीठी बिन तार।Upload to Facebook
    मैं रोया परदेस में, भीगा माँ का प्यार;
    दुःख ने दुःख से बात की, बिन चीठी बिन तार।
    ~ Nida Fazli
  • ढूंढता रहता हूँ ऐ 'इकबाल' अपने आप को;<br/>
आप ही गोया मुसाफिर, आप ही मंजिल हूँ मैं।Upload to Facebook
    ढूंढता रहता हूँ ऐ 'इकबाल' अपने आप को;
    आप ही गोया मुसाफिर, आप ही मंजिल हूँ मैं।
    ~ Allama Iqbal
  • भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा;<br/>
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा;<br/>
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का;<br/>
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा।Upload to Facebook
    भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा;
    हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा;
    अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का;
    मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा।
    ~ Dr. Kumar Vishwas