क्यों तू अच्छा लगता है, वक़्त मिला तो सोचेंगे; तुझ में क्या क्या देखा है, वक़्त मिला तो सोचेंगे; सारा शहर शहंशाही का दावेदार तो है लेकिन; क्यों तू हमारा अपना है, वक़्त मिला तो सोचेंगे। |
रात से शिकायत क्या बस तुम्हीं से कहना है; बस तुम ज़रा ठहर जाओ रात कब ठहरती है। |
प्यार वो है जिसमे सच्चाई हो; साथी की हर बात का एहसास हो; उसकी हर अदा पर नाज़ हो; दूर रह कर भी पास होने का एहसास हो। |
आये जो वो सामने तो अज़ब तमाशा हुआ; हर शिकायत ने जैसे ख़ुदकुशी कर ली। |
मेरे दिल ने जब भी कभी कोई दुआ माँगी है; हर दुआ में बस तेरी ही वफ़ा माँगी है; जिस प्यार को देख कर जलते हैं यह दुनिया वाले; तेरी मोहब्बत करने की बस वो एक अदा माँगी है। |
इश्क़ करने में नही पूछी जाती जात मोहबत की; चलो कुछ तो है दुनिया में जो मज़हबी नहीं हुआ। |
ख्याल में आता है जब भी उसका चेहरा; तो लबों पे अक्सर फरियाद आती है; भूल जाता हूँ सारे ग़म और सितम उसके; जब ही उसकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है। |
तू कहीं हो दिल-ए-दीवाना वहाँ पहुँचेगा; शमा होगी जहाँ परवाना वहाँ पहुँचेगा। |
कभी दोस्ती कहेंगे कभी बेरुख़ी कहेंगे; जो मिलेगा कोई तुझसा उसे ज़िन्दगी कहेंगे; तेरा देखना है जादू तेरी गुफ़्तगू है खुशबू; जो तेरी तरह चमके उसे रोशनी कहेंगे। |
ये दिल भुलाता नहीं है मोहब्बतें उसकी; पड़ी हुई थी मुझे कितनी आदतें उसकी; ये मेरा सारा सफर उसकी खुशबू में कटा; मुझे तो राह दिखाती थी चाहतें उसकी। |