है इश्क़ भी जूनून भी, मस्ती भी जोश-ए-खून भी; कहीं दिल में दर्द, कहीं आह सर्द, कहीं रंग ज़र्द; है यूँ भी और यूँ भी। |
अपनी आँखों के समंदर में उतर जाने दे; तेरा मुजरिम हूँ मुझे डूब कर मर जाने दे; ज़ख्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझको; सोचता हूँ कहूँ, फिर सोचता हूँ कि छोड़ जाने दे। |
पल पल के रिश्ते का वादा है आपसे; अपनापन कुछ इतना ज्यादा है आपसे; ना सोचना कि भूल गए हम आपको; ज़िन्दगी भर चाहेंगे ये वादा है आपसे। |
तेरे ही क़दमों में मरना भी और जीना भी; कि तेरा प्यार है दरिया भी और सफ़ीना भी; मेरी नज़र में तो अब सब बराबर हैं; मेरे लिए तो तू ही है काशी तू ही मदीना भी। |
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ; मुझे तुम से मोहब्बत है मगर जताना भूल जाता हूँ; तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है; मैं रास्ता याद रखता हूँ मगर ठिकाना भूल जाता हूँ। |
हम रूठे तो किसके भरोसे; कौन है जो आयेगा हमे मनाने के लिए; हो सकता है तरस आ भी जाये आपको; पर दिल कहाँ से लायें आपसे रूठ जाने के लिये। |
होश आये तो क्योंकर तेरे दीवाने को; एक जाता है तो दो आते हैं समझाने को। |
कभी मोहब्बत करो तो हमसे करना; दिल की बात जुबान पर आये तो हम से कहना; न कह सको कुछ तो आँखें झुका लेना; हम समझ जायेंगे हमें तुम न कुछ कहना। |
गलत सुना था कि मोहब्बत आँखों से होती है; दिल तो वो भी चुरा लेते हैं जो पलकें नहीं उठाते। |
दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये; बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये। |