कोई तो है मेरे अंदर मुझको संभाले हुए; कि बेकरार होकर भी बरक़रार हूँ मैं! |
जेब में क्यों रखते हो खुशी के लम्हें जनाब; बाँट दो इन्हें ना गिरने का डर, ना चोरी का! |
ना जाने कितनी अनकही बातें, कितनी हसरतें साथ ले जाएगें; लोग झूठ कहते हैं कि, खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाएगें! |
एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी; जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं; हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं । |
जिन्दगी की राहों में मुस्कुराते रहो हमेशा; क्योंकि उदास दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं, पर हमसफ़र नहीं! |
ना जाने कब खरच हो गए पता ही नहीं चला; वो लम्हें जो बचा कर रखे थे जीने के लिये! |
तमन्ना ने जिंदगी के आँचल में सिर रख कर पूछा "मैं कब पूरी होउंगी"; जिंदगी ने हँसकर जवाब दिया "जो पूरी हो जाये वो तमन्ना ही क्या! |
जिंदगी दो लफ्ज़ों में यूँ अर्ज है; आधी कर्ज है, तो आधी फर्ज है! |
सख़्त हाथों से भी छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ; रिश्ते ज़ोर से नहीं तमीज़ से थामे जाते हैं! |
मोहब्बत की कहूँ देवी या तुमको बंदगी कह दूँ; बुरा मानो न गर हमदम तो तुमको ज़िन्दगी कह दूँ! |