हुस्न Hindi Shayari

  • न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर,
    सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है।
  • बड़े गुस्ताख़ हैं झुक कर तेरा मुँह चूम लेते हैं,
    बहुत सा तू ने ज़ालिम गेसुओं को सर चढ़ाया है।
  • हुस्न का क्या काम है सच्ची मोहब्बत में यारो,
    जब आँख मजनू हो तो लैला हसीन ही लगती है।
  • हुस्न वालों को क्या जरूरत है संवरने की,
    वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
  • तिरछी नज़रों से न देखो आशिक़-ए-दिल-गीर को,<br/>
कैसे तीर-अंदाज़ हो सीधा तो कर लो तीर को।Upload to Facebook
    तिरछी नज़रों से न देखो आशिक़-ए-दिल-गीर को,
    कैसे तीर-अंदाज़ हो सीधा तो कर लो तीर को।
    ~ Khwaja Mohammad Wazir
  • सरक गया जब उसके रुख से पर्दा अचानक,
    फ़रिश्ते भी कहने लगे काश हम भी इंसान होते।
  • उनको सोते हुए देखा था दमे-सुबह कभी,<br/>
क्या बताऊं जो इन आंखों ने समां देखा था।Upload to Facebook
    उनको सोते हुए देखा था दमे-सुबह कभी,
    क्या बताऊं जो इन आंखों ने समां देखा था।
    ~ Aziz Lakhnavi
  • हटा कर ज़ुल्फ़ चेहरे से ना छत पर शाम को आना,<br/>
कहीं कोई ईद ही ना कर ले अभी रमज़ान बाकी है।Upload to Facebook
    हटा कर ज़ुल्फ़ चेहरे से ना छत पर शाम को आना,
    कहीं कोई ईद ही ना कर ले अभी रमज़ान बाकी है।
  • एक ख़्वाब ने आँखें खोली हैं, क्या मोड़ आया है कहानी में,<br/>
वो भीग रही है बारिश में, और आग लगी है पानी में।Upload to Facebook
    एक ख़्वाब ने आँखें खोली हैं, क्या मोड़ आया है कहानी में,
    वो भीग रही है बारिश में, और आग लगी है पानी में।
  • सुर्ख आँखों से जब वो देखते हैं,<br />
हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं,<br />
क्यों मिलायें उन आँखों से आँखें,<br />
सुना है वो आँखों से ही अपना बना लेते हैं।Upload to Facebook
    सुर्ख आँखों से जब वो देखते हैं,
    हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं,
    क्यों मिलायें उन आँखों से आँखें,
    सुना है वो आँखों से ही अपना बना लेते हैं।