Hindi Shayari

  • ग़मों से बशर को रिहा देखना;<br/>
सुलगती कोई जब चिता देखना!Upload to Facebook
    ग़मों से बशर को रिहा देखना;
    सुलगती कोई जब चिता देखना!
    ~ Vikas Joshi Wahid
  • शाख़ों पर जब पत्ते हिलने लगते हैं;<br/>
आँसू मेरे दिल पे गिरने लगते हैं!Upload to Facebook
    शाख़ों पर जब पत्ते हिलने लगते हैं;
    आँसू मेरे दिल पे गिरने लगते हैं!
    ~ Saba Nusrat
  • अपनी तन्हाई को आबाद तो कर सकते हैं;<br/>
हम तुझे मिल न सकें याद तो कर सकते हैं!Upload to Facebook
    अपनी तन्हाई को आबाद तो कर सकते हैं;
    हम तुझे मिल न सकें याद तो कर सकते हैं!
    ~ Tahir Abbas
  • करम नहीं तो सितम ही सही रवा रखना;<br/>
तअ'ल्लुक़ात वो जैसे भी हों सदा रखना!Upload to Facebook
    करम नहीं तो सितम ही सही रवा रखना;
    तअ'ल्लुक़ात वो जैसे भी हों सदा रखना!
    ~ Yaseen Qudrat
  • हवा से उजड़ कर बिखर क्यों गए;<br/>
वो पत्ते जो सरसब्ज़ शाख़ों पे थे!<br/>
*सरसब्ज़ - उत्पादकUpload to Facebook
    हवा से उजड़ कर बिखर क्यों गए;
    वो पत्ते जो सरसब्ज़ शाख़ों पे थे!
    *सरसब्ज़ - उत्पादक
    ~ Parkash Fikri
  • मुस्कुराना भी क्या ग़ज़ब है तेरा;<br/>
जैसे बिजली चमक गयी कोई!Upload to Facebook
    मुस्कुराना भी क्या ग़ज़ब है तेरा;
    जैसे बिजली चमक गयी कोई!
    ~ Qaisar Usmani
  • पुकार लेंगे उस को इतना आसरा तो चाहिए;<br/>
दुआ ख़िलाफ़-ए-वज़अ है मगर ख़ुदा तो चाहिए!<br/>

*ख़िलाफ़-ए-वज़अ - परंपरा के विपरीतUpload to Facebook
    पुकार लेंगे उस को इतना आसरा तो चाहिए;
    दुआ ख़िलाफ़-ए-वज़अ है मगर ख़ुदा तो चाहिए!
    *ख़िलाफ़-ए-वज़अ - परंपरा के विपरीत
    ~ Raees Faraz
  • दर्द अब दिल की दवा हो जैसे;<br/>
ज़िंदगी एक सज़ा हो जैसे!Upload to Facebook
    दर्द अब दिल की दवा हो जैसे;
    ज़िंदगी एक सज़ा हो जैसे!
    ~ Iftikhar Aazmi
  • कितना दुश्वार है जज़्बों की तिजारत करना;<br/>
एक ही शख़्स से दो बार मोहब्बत करना!<br/>
*दुश्वार-कठिनUpload to Facebook
    कितना दुश्वार है जज़्बों की तिजारत करना;
    एक ही शख़्स से दो बार मोहब्बत करना!
    *दुश्वार-कठिन
    ~ Liaqat Jafri
  • तुम ख़फ़ा हो के हम को छोड़ चले;<br/>
अब अजल से है सामना अपना!Upload to Facebook
    तुम ख़फ़ा हो के हम को छोड़ चले;
    अब अजल से है सामना अपना!
    ~ Mah Lakhnavi