अश्क Hindi Shayari

  • यह इक अदा रुलाएगी हमको तमाम उम्र;<br/>
जाते हुए न प्यार से यूँ मुस्कुराए।Upload to Facebook
    यह इक अदा रुलाएगी हमको तमाम उम्र;
    जाते हुए न प्यार से यूँ मुस्कुराए।
  • हमारें आंसू पोछकर वो मुस्कुराते हैं;<br />
इसी अदा से तो वो दिल को चुराते हैं;<br />
हाथ उनका छू जाए हमारे चेहरे को;<br />
इसी उम्मीद में तो हम खुद को रुलाते हैं!Upload to Facebook
    हमारें आंसू पोछकर वो मुस्कुराते हैं;
    इसी अदा से तो वो दिल को चुराते हैं;
    हाथ उनका छू जाए हमारे चेहरे को;
    इसी उम्मीद में तो हम खुद को रुलाते हैं!
  • कैसी बीती रात किसी से मत कहना;<br />
सपनों वाली बात किसी से मत कहना;<br />
कैसे उठे बादल और कहां जाकर टकराए;<br />
कैसी हुई बरसात किसी से मत कहना!Upload to Facebook
    कैसी बीती रात किसी से मत कहना;
    सपनों वाली बात किसी से मत कहना;
    कैसे उठे बादल और कहां जाकर टकराए;
    कैसी हुई बरसात किसी से मत कहना!
  • लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते हैं;<br/>
कोई करता है तो इल्जाम देते हैं;<br/>
कहते हैं पत्थर दिल रोया नहीं करते;<br/>
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते हैं!Upload to Facebook
    लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते हैं;
    कोई करता है तो इल्जाम देते हैं;
    कहते हैं पत्थर दिल रोया नहीं करते;
    और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते हैं!
  • दर्द कितने हैं बता नहीं सकता;<br />
जख्म कितने हैं दिखा नहीं सकता;<br />
आँखों से समझ सको तो समझ लो;<br />
आँसु गिरे हैं, कितने गिना नहीं सकता।Upload to Facebook
    दर्द कितने हैं बता नहीं सकता;
    जख्म कितने हैं दिखा नहीं सकता;
    आँखों से समझ सको तो समझ लो;
    आँसु गिरे हैं, कितने गिना नहीं सकता।
  • सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आये तेरी आँखों में आँसू, हमदम;<br/ > 
मेरे दिल का क्या आलम है ये तो तू अभी जानता नहीं!Upload to Facebook
    सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आये तेरी आँखों में आँसू, हमदम;
    मेरे दिल का क्या आलम है ये तो तू अभी जानता नहीं!
  • डर है मुझे तुमसे बिछड़ न जाऊं;
    खोके तुम्हें मिलने की राह न पाऊं;
    ऐसा न हो जब भी तेरा नाम लबों पर लाऊं;
    मैं आंसू बन जाऊं!
    ~ Khwaza Parvez
  • जिन आँखों में मोहब्बत होती है;
    वो आँखें एक दिन जरूर रोती हैं;
    जिस तकिये पर सर रखकर ख्वाब संजोती हैं;
    एक दिन उसी तकिये को रोकर भिगोती हैं।
  • मोहब्बत के सपने वो दिखाते बहुत हैं;<br />
रातों में वो हमको जगाते बहुत हैं;<br />
मैं आँखों में काजल लगाऊं तो कैसे;<br />
इन आँखों को लोग रुलाते बहुत हैं।Upload to Facebook
    मोहब्बत के सपने वो दिखाते बहुत हैं;
    रातों में वो हमको जगाते बहुत हैं;
    मैं आँखों में काजल लगाऊं तो कैसे;
    इन आँखों को लोग रुलाते बहुत हैं।
  • नम हैं आँखे मेरी, मगर एक भी आंसू बह ना पायेगा;
    ये दिल भी कितना दगाबाज़ है, यारो;
    खुद को भूल जायेगा, मगर तुझे ना भूल पायेगा।