इज़हार Hindi Shayari

  • गुनाहगार के दिल से न बच के चल ज़ाहिद;<br/>
यहीं कहीं तिरी जन्नत भी पाई जाती है!<br/><br/>

ज़ाहिद  =  धार्मिक व्यक्तिUpload to Facebook
    गुनाहगार के दिल से न बच के चल ज़ाहिद;
    यहीं कहीं तिरी जन्नत भी पाई जाती है!

    ज़ाहिद = धार्मिक व्यक्ति
    ~ Jigar Moradabadi
  • तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ,<br/>
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ,<br/>
तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नहीं लेकिन,<br/>
तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है, समझता हूँ!Upload to Facebook
    तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ,
    तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ,
    तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नहीं लेकिन,
    तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है, समझता हूँ!
    ~ Dr. Kumar Vishwas
  • किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो,<br/>
जिस्म से रूह को लेने फ़रिश्ते नहीं आते।Upload to Facebook
    किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो,
    जिस्म से रूह को लेने फ़रिश्ते नहीं आते।
  • आशिक़ था एक मेरे अंदर, कुछ साल पहले गुज़र गया;<br/>
अब कोई शायर सा है, अज़ीब-अज़ीब सी बातें करता है!
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    आशिक़ था एक मेरे अंदर, कुछ साल पहले गुज़र गया;
    अब कोई शायर सा है, अज़ीब-अज़ीब सी बातें करता है!
  • क्या जाने किसी की प्यास बुझाने किधर गयीं;<br/>
उस सिर पे झूम के जो घटाएँ गुज़र गयीं!Upload to Facebook
    क्या जाने किसी की प्यास बुझाने किधर गयीं;
    उस सिर पे झूम के जो घटाएँ गुज़र गयीं!
    ~ Kaifi Azmi
  • मैं भी ठहरूँ किसी के होंठों पे;<br/>
काश कोई मेरे लिए भी दुआ कर दे!Upload to Facebook
    मैं भी ठहरूँ किसी के होंठों पे;
    काश कोई मेरे लिए भी दुआ कर दे!
  • कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से;<br/>
ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो।Upload to Facebook
    कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से;
    ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो।
    ~ Bashir Badr
  • खामोश लबों से निभाना था ये रिश्ता;<br/>
पर धड़कनों ने चाहत का शोर मचा दिया।Upload to Facebook
    खामोश लबों से निभाना था ये रिश्ता;
    पर धड़कनों ने चाहत का शोर मचा दिया।
  • अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल;<br/>
लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे!<br/><br/>

पासबान  =  चौकीदार, गार्डUpload to Facebook
    अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल;
    लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे!

    पासबान = चौकीदार, गार्ड
    ~ Allama Iqbal
  • बहुत खास होते हैं वो लोग जो आपकी आवाज़ से;<BR/>
आपकी खुशी और दुख का अंदाज़ा लगा लेते हैं!Upload to Facebook
    बहुत खास होते हैं वो लोग जो आपकी आवाज़ से;
    आपकी खुशी और दुख का अंदाज़ा लगा लेते हैं!