इज़हार Hindi Shayari

  • जादू है या तिलिस्म तुम्हारी ज़बान में;<br/>
तुम झूठ कह रहे थे मुझे ऐतबार था!Upload to Facebook
    जादू है या तिलिस्म तुम्हारी ज़बान में;
    तुम झूठ कह रहे थे मुझे ऐतबार था!
    ~ Bekhud Dehlvi
  • स्वयं से दूर हो तुम भी, स्वयं से दूर हैं हम भी,<br/>
बहुत मशहूर हो तुम भी, बहुत मशहूर हैं हम भी;<br/>
बड़े मगरूर हो तुम भी, बड़े मगरूर हैं हम भी,<br/>
अत: मज़बूर हो तुम भी, अत: मज़बूर हैं हम भी!Upload to Facebook
    स्वयं से दूर हो तुम भी, स्वयं से दूर हैं हम भी,
    बहुत मशहूर हो तुम भी, बहुत मशहूर हैं हम भी;
    बड़े मगरूर हो तुम भी, बड़े मगरूर हैं हम भी,
    अत: मज़बूर हो तुम भी, अत: मज़बूर हैं हम भी!
    ~ Kumar Vishwas
  • सैर-ए-साहिल कर चुके ऐ मौज-ए-साहिल सिर ना मार;<br/>
तुझ से क्या बहलेंगे तूफानों के बहलाए हुए!Upload to Facebook
    सैर-ए-साहिल कर चुके ऐ मौज-ए-साहिल सिर ना मार;
    तुझ से क्या बहलेंगे तूफानों के बहलाए हुए!
    ~ Majrooh Sultanpuri
  • अब वो मिलते भी हैं तो यूँ कि कभी;<br/>
गोया हमसे कुछ वास्ता न था!
Upload to Facebook
    अब वो मिलते भी हैं तो यूँ कि कभी;
    गोया हमसे कुछ वास्ता न था!
    ~ Hasrat Mohani
  • ऐ क़लम बस इतना सा एहसान कर दे;<br/>
जो मेरी ज़ुबाँ से न निकला वो बयाँ कर दे।Upload to Facebook
    ऐ क़लम बस इतना सा एहसान कर दे;
    जो मेरी ज़ुबाँ से न निकला वो बयाँ कर दे।
  • उम्र में, ओहदे में, कौन कितना बड़ा है फर्क नहीं पड़ता;<br/>
लहजे में कौन कितना झुकता है फर्क ये पड़ता है।Upload to Facebook
    उम्र में, ओहदे में, कौन कितना बड़ा है फर्क नहीं पड़ता;
    लहजे में कौन कितना झुकता है फर्क ये पड़ता है।
  • लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती;<br/>
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती।Upload to Facebook
    लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती;
    बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती।
    ~ Munawwar Rana
  • अरबाबे-सितम की खिदमत में इतनी ही गुजारिश है मेरी;<br/>
दुनिया से कयामत दूर सही, दुनिया की कयामत दूर नहीं।<br/><br/>

Meaning:<br/>
अरबाबे-सितम  =  सितम ढाने वालाUpload to Facebook
    अरबाबे-सितम की खिदमत में इतनी ही गुजारिश है मेरी;
    दुनिया से कयामत दूर सही, दुनिया की कयामत दूर नहीं।

    Meaning:
    अरबाबे-सितम = सितम ढाने वाला
    ~ Jigar Moradabadi
  • दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं;<br/>
लोग अब मुझ को तेरे नाम से पहचानते हैं।Upload to Facebook
    दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं;
    लोग अब मुझ को तेरे नाम से पहचानते हैं।
    ~ Qateel Shifai
  • दिल ना-उम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है;<br/>
लंबी है गम की शाम, मगर शाम ही तो है।Upload to Facebook
    दिल ना-उम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है;
    लंबी है गम की शाम, मगर शाम ही तो है।
    ~ Faiz Ahmad Faiz