गिला शिकवा Hindi Shayari

  • दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो,<br/>
नफ़रत उन से करो जो भुलाना जानते हो;<br/>
ग़ुस्सा उन से करो जो मनाना जानता हो,<br/>
प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जानता हो!Upload to Facebook
    दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो,
    नफ़रत उन से करो जो भुलाना जानते हो;
    ग़ुस्सा उन से करो जो मनाना जानता हो,
    प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जानता हो!
  • आग सूरज में होती है जलना ज़मीन को पड़ता है,<br/>
मोहब्बत निगाहेँ करती हैँ तड़पना दिल को पड़ता है!Upload to Facebook
    आग सूरज में होती है जलना ज़मीन को पड़ता है,
    मोहब्बत निगाहेँ करती हैँ तड़पना दिल को पड़ता है!
  • निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह;<br/>
ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के!Upload to Facebook
    निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह;
    ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के!
  • कभी देखेंगे ऐ जाम तुझे होठों से लगाकर;<br/>
तू मुझमें उतरता है कि मैं तुझमें उतरता हूँ!Upload to Facebook
    कभी देखेंगे ऐ जाम तुझे होठों से लगाकर;
    तू मुझमें उतरता है कि मैं तुझमें उतरता हूँ!
  • सुनो, रिश्तों को बस इस तरह बचा लिया करो;<br/>
कभी मान जाया करो, कभी मना लिया करो!Upload to Facebook
    सुनो, रिश्तों को बस इस तरह बचा लिया करो;
    कभी मान जाया करो, कभी मना लिया करो!
  • रिश्ते अगर दिल में हों तो तोड़ने से भी नहीं टूटते और<br/>
अगर दिमाग में हों तो जोड़ने से भी नहीं जुड़ते! Upload to Facebook
    रिश्ते अगर दिल में हों तो तोड़ने से भी नहीं टूटते और
    अगर दिमाग में हों तो जोड़ने से भी नहीं जुड़ते!
  • हम भी मोहब्बत करते है पर बोलते नहीं;<br/>
क्यूंकि रिश्ते निभाते हैं हम तौलते नहीं!Upload to Facebook
    हम भी मोहब्बत करते है पर बोलते नहीं;
    क्यूंकि रिश्ते निभाते हैं हम तौलते नहीं!
  • सिर्फ मोहब्बत ही ऐसा खेल है;<br/>
जो सीख जाता है वही हार जाता है!Upload to Facebook
    सिर्फ मोहब्बत ही ऐसा खेल है;
    जो सीख जाता है वही हार जाता है!
  • नज़र और नसीब का कुछ ऐसा इतफाक है कि,<br/>
नज़र को अक्सर वही चीज़ पसन्द आती है जो नसीब में नहीं होती।Upload to Facebook
    नज़र और नसीब का कुछ ऐसा इतफाक है कि,
    नज़र को अक्सर वही चीज़ पसन्द आती है जो नसीब में नहीं होती।
  • सुलगती रेत पर पानी की अब तलाश नहीं;<br/>
मगर ये कब कहा हमने कि हमें प्यास नहीं!Upload to Facebook
    सुलगती रेत पर पानी की अब तलाश नहीं;
    मगर ये कब कहा हमने कि हमें प्यास नहीं!