ना कर इश्क मेरे यार यह लडकियां बहुत सताती हैं; ना करना इन पर ऐतबार ये खर्चा बहुत कराती हैं; कभी खुली आँख से इनकी बेवफाई की हद देखो; रिचार्ज तुम कराते हो और नंबर मेरा लगाती हैं! |
आपकी बातों पे दिल हारूं; आपकी सूरत पे जान वारूं; जिस नहीं आता आपका कोई सन्देश; दिल करता है आपके गाल पर दो तमाचे मारूं! |
लाइलाज थे हम, इलाज़ किसी डॉक्टर के पास न था; इश्क का रोग था ए दोस्त; माँ की चप्पल से ही आराम आ गया! |
तुझसे कैसे नज़र मिलाएं दिलबर जानी; तुझसे कैसे नज़र मिलाएं दिलबर जानी; तेरी दायीं आँख काणी; मेरी बायीं आँख काणी! |
ताजमहल को देख कर बोला शाहजहाँ का पोता; ताजमहल को देख कर बोला शाहजहाँ का पोता; आज अपना भी मोटा बैंक बैलेंस होता; अगर हमारा दादा आशिक ना होता! |
ये मामला भी कैसा अजीब है; तू दूर होकर भी मेरे करीब है; ख्वाहिश मिटा तू अपने दिल से उसे पाने की; क्योंकि जो लड़का तुझे पसंद है वो खानदानी गरीब है! |
दोस्त रूठे तो रब रूठे, फिर रूठे तो जग छूटे; अगर फिर रूठे तो दिल टूटे, और अगर फिर रूठे? तो निकाल डंडा; मार साले को जब तक डंडा न टूटे! |
हर तरफ पढाई का साया है; किताबों मैं सुकून किसने पाया है; लड़के तो जाते हैं ट्यूशन में लडकियां देखने; और मास्टर कहता है देखो बेचारा इतनी बरसात में भी पढने आया है! |
मोहब्बत सिर्फ खर्चों की बड़ी लंबी कहानी है; कभी फिल्म दिखानी है, कभी शॉपिंग करानी है; मास्टर रोज कहता है कहाँ हैं फीस के पैसे? उसे समझाऊं मैं कैसे, मुझे छोरी (लड़की) पटानी है! |
इश्क को दर्द-ए-सर कहने वाले सुने; हमने भी ये दर्द अपने सर ले लिया; हमारी निगाहों से बचकर वो कहा जायेंगे; हमने तो उनके मोहल्ले में ही घर ले लिया! |