मौसम Hindi SMS

  • गर्मी आ गई हैं अपना ख्याल रखना।
    पानी ज्यादा पीना;
    खाना कम खाना;
    और सबसे जरूरी बात;
    सिर को धूप से बचाना;
    क्योंकि...
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    भूसे मे आग जल्दी लगती है।
  • गर्मी पड़नी शुरू हो गई और लड़कियां भी सुल्ताना डाकू बन के घुमने लगी हैं
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    कभी कभी तो मालूम ही नही होता कि अपना शहर है या चम्बल का इलाका।
  • सिर से पैर तक कपडे,
    हाथो मे दस्ताने,
    चेहरे पे लिप्टा स्कार्फ़,
    कंधो पर दुपट्टा,
    बन्धे हुए बाल
    यकिनन, गर्मी लडकियों को संस्कारी बना देती है।
  • कभी आप खुले आसमान के नीचे अपनी कमाई रख कर देखिये, रात भर नींद नहीं आएगी।<br />
सोचिये किसान पर क्या गुज़रती होगी?Upload to Facebook
    कभी आप खुले आसमान के नीचे अपनी कमाई रख कर देखिये, रात भर नींद नहीं आएगी।
    सोचिये किसान पर क्या गुज़रती होगी?
  • कितने अजब रंग समेटे है ये बे-मौसम बारिश खुद में;<br />
अमीर पकौड़े खाने की सोच रहा है तो किसान जहर।Upload to Facebook
    कितने अजब रंग समेटे है ये बे-मौसम बारिश खुद में;
    अमीर पकौड़े खाने की सोच रहा है तो किसान जहर।
  • गर्मी आने से कई जगहों पर लोगों के पंखे चल पड़े हैं लेकिन कुछ अंकल अभी भी 50% डिस्काउंट वाली जैकेट पहने घूम रहे है।<br />
अपने पैसे पूरे करने हैं, चाहे गर्मी से दम घुट जाये।Upload to Facebook
    गर्मी आने से कई जगहों पर लोगों के पंखे चल पड़े हैं लेकिन कुछ अंकल अभी भी 50% डिस्काउंट वाली जैकेट पहने घूम रहे है।
    अपने पैसे पूरे करने हैं, चाहे गर्मी से दम घुट जाये।
  • बहुत बिगडे है जमाने के रंग क्योंकि<br />
मिल बैठे हैं तीन यार संग संग<br />
Summer<br />
Monsoon<br />
WinterUpload to Facebook
    बहुत बिगडे है जमाने के रंग क्योंकि
    मिल बैठे हैं तीन यार संग संग
    Summer
    Monsoon
    Winter
  • हर जगह राजनीति चल रही है।<br />
आलम यह है कि अब तो ठंड और बारिश ने भी गठबंधन करके सरकार बना ली है।<br />
बेचारी गर्मी अल्पमत में हो गई।Upload to Facebook
    हर जगह राजनीति चल रही है।
    आलम यह है कि अब तो ठंड और बारिश ने भी गठबंधन करके सरकार बना ली है।
    बेचारी गर्मी अल्पमत में हो गई।
  • प्रिय इंदर देव जी, अगर अप्सराओं से फुर्सत मिल जाये तो कृपया अपने कैलेंडर का महीना चेक कर लो।Upload to Facebook
    प्रिय इंदर देव जी, अगर अप्सराओं से फुर्सत मिल जाये तो कृपया अपने कैलेंडर का महीना चेक कर लो।
  • ये बारिश नहीं सरकारी कर्मचारी के आँसू हैं, जेटली साहब।Upload to Facebook
    ये बारिश नहीं सरकारी कर्मचारी के आँसू हैं, जेटली साहब।
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