जिन लोगों तक नहीं पहुँच सकती मेरी बाहें; उनके लिए मन से हमेशा निकलती है दुआएं; बख्शे खुदा सब के गुनाह, बस यही करता हूँ दुआएं। रमज़ान मुबारक़ |
तुझे आँसू भरी वो दुआ मिले जिसे कभी न इंकार खुदा करे; तुझे हसरत न रहे कभी जन्नत की; खुदा खुशियाँ की बारिश तुम्हारे ऊपर करे। रमज़ान मुबारक! |
हम आपको याद करते हैं; महे रमज़ान में यही फरियाद करते हैं; बख्शे हर गुनाह ख़ुदा सब के; बस यही दुआ करते हैं। रमज़ान मुबारक़! |
हर सजदा आपका मंज़ूर-ए-खुदा हो जाये; आपकी दुआओं पर रब की रज़ा हो जाये; करते हैं हम भी दुआ इस महे रमज़ान में; कि आपकी ज़िंदगी से लफ़्ज़-ए-ग़म फ़ना हो जाये। रमज़ान मुबारक़ |
रब तू अपना जलवा दिखा दे; सबकी ज़िंदगी को अपने नूर से सवार दे; बस यही दुआ है मेरे मालिक; इस रमज़ान में सबकी ज़िंदगी में खुशियां बिखेर दे। रमज़ान मुबारक़ |
गुलशन को कर रही है मोत्तार ये हवायें; आता नहीं नज़र कुछ भी अब उसके सिवाये; करते हैं दुआ उस परवरदिगार से; बख्श दे वो हमारे गुनाह इस महे रमजान में। रमज़ान मुबारक |
बे-जुबानों को वो जुबान देता है; पढ़ने को फिर वो कुरान देता है; बक्शने पे आये जब जब वो गुनाहों को; तोहफे में गुनाहगारों को रमजान देता है। रमज़ान मुबारक। |
हो खुदा की हम पर मेहरबानी; हो माफ़ हमारी हर न-फ़रमानी; आओ मिलकर करें यह वादा; चलें खुदा की दिखाई राहों में; महे रमदान में ऐसा बुलंद करें अपना इरादा। रमज़ान मुबारक |
गुरु गोविंद दोउ खडे काके लागूँ पाँय; बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय। गुरु पूर्णिमा की शुभ कामनायें |
तुम हमारे दिल के करीब हो; हम से दूर होकर भी अज़ीज़ हो; दुआओं में याद कर लेना हमें भी कभी; शायद आपकी दुआ में हमारा नसीब हो। रमज़ान मुबारक़! |