खिलते फूल जैसे लबों पर हंसी हो; ना कोई गम हो ना कोई बेबसी हो; सलामत रहे ज़िंदगी का यह सफ़र; जहाँ आप रहो वहाँ बस ख़ुशी ही ख़ुशी हो! सुप्रभात! |
रात का चाँद आसमां में निकल आया है; साथ में अपने तारों की बारात लाया है; ज़रा आसमां की ओर तो देखो; वो आपको मेरी ओर से शुभ रात्रि कहने आया है! शुभ रात्रि! |
बड़े अरमां से बनवाया है, इसे रौशनी से सजाया है; बहुत दूर से मंगवाया है; ज़रा खिड़की खोल के देखो; आपको सुप्रभात कहने सूरज आया है! सुप्रभात! |
किसी के दिल को ठेस पहुँचा कर माफ़ी माँगना बहुत ही आसान है, लेकिन चोट खाकर किसी को माफ़ करना बहुत ही मुश्किल है। शुभ रात्रि! |
सुबह-सुबह सूरज का साथ हो; परिंदों की आवाज़ हो; हाथ में चाय और यादों में आप हो; उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो! सुप्रभात! |
सोने वाले सो जाते हैं; और किस्मत के मारे सोने की आस में; बस तड़पते ही रह जाते हैं; कारण पूछो तो सब दिल की बीमारी ही बताते हैं। शुभरात्रि! |
फ़िज़ा बनकर आपके करीब आये हैं; एक प्यारी सुबह आपके लिए लाए हैं; नई उम्मीदों के साथ जीवन की नई शुरुआत कीजिए; हज़ारों दुआ अपने संग लाए हैं। सुप्रभात! |
सितारों को भेजा है आपको सुलाने के लिए; चाँद आया है लोरी गाने के लिए; सो जाओ मीठे ख्वाबों में; सुबह सूरज को भेजूंगा आपको जगाने के लिए। शुभरात्रि! |
उठ कर देखिए सुबह का नज़ारा; हवा भी है ठंडी, मौसम भी है प्यारा; सो गया चाँद, और छुप गया हर एक सितारा; क़बूल हो आपको सलाम-ए-सुबह हमारा! सुप्रभात! |
रात को चुपके से आती है एक परी; कुछ ख़ुशियों के सपने लाती है एक परी; कहती है सपनों के आगोश में खो जाओ; भूल के सारे गम चुपके से सो जाओ! शुभरात्रि! |