Bollywood News


टाइपकास्ट से कमजोर अभिनेताओं को लगता है डर : गुलशन

टाइपकास्ट से कमजोर अभिनेताओं को लगता है डर : गुलशन
हिंदी फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने वाले अभिनेता गुलशन ग्रोवर ने 'बैड मैन' का नाम कमाया है। उन्होंने 1980 और 1990 के दशक की कई फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएं निभाई हैं, लेकिन वह इसको लेकर बिल्कुल चिंतित नहीं हैं। वह अन्य 'कमजोर अभिनेताओं' के विपरीत साहसी हैं।

गुलशन ने अपनी अपकमिंग फिल्म 'चेहरे' के संगीत लॉन्चिग के दौरान मीडिया को बताया, "लोग टाइपकास्ट से डर रहे हैं.. यहां तक कि मैं टाइपकास्ट हूं.. कमजोर अभिनेता टाइपकास्ट से डरते हैं..अगर आप मेहनती, अच्छे अभिनेता हैं और आप में साहस है तो कोई आपको रोक नहीं सकता और मैंने इसे साबित किया है।"

आपको बता दें कि फिल्म 'चेहरे' में गुलशन ग्रोवर के अलावा जैकी श्रॉफ, मनीषा कोइराला, दिव्या दत्ता, आर्य बब्बर व अन्य सितारे भी हैं। फिल्म का निर्देशन रोहित कौशिक ने किया है।

'बैड मैन' का टैग गुलशन के लिए एक सचेत प्रयास था। उन्होंने कहा, "मैं अनिल कपूर, मजहर खान और अन्य लोगों के साथ औपचारिक प्रशिक्षण लेने के बाद फिल्मों में आया। मैंने फिल्म बिजनेस का प्रशिक्षण लिया कि कैसे एक बड़ा ब्रांड बना जा सकता है।"

गुलशन ने कहा, "इसलिए मैं 'बैड मैन' बना, 'विलेन' की भूमिका के लिए मैंने कड़ी मेहनत की और मैं यह जानता था कि इसका सही समय कब है। मैं इसे बिना किसी कठिनाई के तोड़ पाने में सक्षम हूं। यह सब इसलिए क्योंकि मैं मेहनती हूं।"

खुद को साबित करते हुए गुलशन ने सफलतापूर्वक अपना ट्रैक बदल कर कुछ फिल्मों में सकारात्मक किरदार भी निभाया। 'मैं कलाम हूं' में उनके अभिनय की व्यापक तौर पर सराहना हुई है।

End of content

No more pages to load