कश्यप ने कहा कि मैं समानांतर सिनेमा को समझ नहीं पाता। अगर आप "समानांतर सिनेमा" की बात करते हैं तो आप कहते हैं कि जो मुख्यधारा की सिनेमा है, केवल वही देखने लायक है और उसे ही सिनेमा कहा जाता है; और जो देखने लायक नहीं है, वह समानांतर सिनेमा है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं इस बात को नहीं मानता। मेरा मानना है कि वे सभी अच्छी सिनेमा के श्रेणी में आते हैं। कश्यप फिल्मों को केवल दो ही वर्गो में बांटते हैं, जो चलीं और जो नहीं चलीं।