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आजादी की राह आसान नहीं: संजय दत्त

साल 1993 के मुंबई विस्फोटों के मामले में दोषी अभिनेता संजय दत्त (56) अपनी पांच साल की सजा में 144 दिन की छूट मिलने के बाद आज सुबह यरवदा केंद्रीय कारागार से रिहा हो गये। जेल से बाहर निकलने के बाद उन्होंने लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इसी के साथ उन्होंने पीछे मुड़कर जेल की इमारत पर फहरा रहे तिरंगे को सलाम किया और झुककर मिट्टी को स्पर्श किया। बाद में इसका कारण बताते उन्होंने कहा कि 'ये धरती मेरी मां है, मैं हिंदुस्तान की धरती को प्यार करता हूं और मुझे भारतीय होने पर गर्व है, इसीलिए मैंने अपनी सज़ा काटी।' संजय की पत्नी मान्यता और उनके दोस्त एवं ब्लॉकबस्टर 'मुन्नाभाई' के निर्माता राजकुमार हिरानी बाहर कार में उनका इंतजार कर रहे थे। पुणे हवाईअड्डे पर उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा, 'आजादी की राह आसान नहीं होती, मेरे दोस्तो।' संजय अपनी पांच साल की कैद की सजा में से 18 माह मुंबई की आर्थर रोड जेल में एक विचाराधीन कैदी के रूप में बिता चुके थे। सजा के शेष 42 माह उन्होंने यरवदा जेल में बिताए हैं। संजय दत्त ने जेल में कमाये पैसे आज जेल से छूटने के बाद एक अच्छे पति की तरह पत्नी मान्यता दत्त के हाथ में रख दिये।

संजय दत्त ने मीडिया से आग्रह किया है कि अब उनका ज़िक्र 1993 धमाकों से जोड़ते हुए नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दिन वो सबसे अधिक अपने पिता सुनील दत्त को 'मिस' कर रहे हैं।

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