फिल्म के बारे शाहरुख ने कहा, `जब मनीष ने मुझे पहली बार कहानी सुनाई, तो मुझे लगा, यह फिल्म बनाना मुश्किल होगा, जिसमें दो भूमिकाएं नहीं बल्कि मिलती जुलती शक्ल का किरदार निभाना है।`उन्होंने कहा, `इसके अलावा, उस समय ना ही तकनीक इतनी विकसित थी और ना ही विचार इतने परिपक्व थे कि कुछ रचनात्मक किया जा सके।
मुझे 'चेन्नई एक्सप्रेस' (2013 में) की डबिंग अभी भी याद है, जब मैं मनीष ने मुझसे मुलाकात की और इस कहानी पर काम करने का फैसला लिया, क्योंकि तब हमारे पास आवश्यक तकनीक थी।`शाहरुख ने इस बात का भी खुलासा किया कि फिल्म का पहला शूट देखने के बाद पूरी टीम निराश थी, उनका मानना था कि यह फिल्म नहीं बनाई जा सकती।उन्होंने बताया, `लेकिन आदि (निर्माता आदित्य चोपड़ा), मनीष और पूरी टीम ने फिल्म बनाने का फैसला लिया।`