ऑफ-स्क्रीन अवनीत एक अलग परीक्षा की तैयारी कर रही है उनका लक्ष्य है सोनी सब के 'अलादीन : नाम तो सुना होगा' में यासमीन की अपनी भूमिका को बखूबी निभाने के साथ-साथ अपनी परीक्षाओं के लिए भी तैयारी करना।
अवनीत अपनी पढ़ाई और कॅरियर के बीच उचित बैलेंस बनाकर बड़ी हुई हैं, लेकिन यह साल किसी दूसरे शैक्षणिक साल से थोड़ा महत्वपूर्ण है और ऐसे में वे पढ़ाई और अपने शूट के बीच में कैसे संतुलन बना कर रखती हैं, यह जानने के लिए हमने उनसे संपर्क किया और वह अपनी जिंदगी के इस महत्वपूर्ण दौर के अपने मंत्र को शेयर कर काफी खुश थीं।
`मेरा मानना है कि 12वीं के बोर्ड किसी भी छात्र के जीवन में बड़ी घटना होते हैं. हर कोई अपने जीवन काल में 11वीं कक्षा में मस्ती करने के बाद 12वीं कक्षा की चुनौतियों से दो चार होता है. मैं अपने काम का बेहद आनंद लेती हूँ और शूट पर जाना मुझे पसंद है पर अब यह मेरा रोज का नियम नहीं है बल्कि अब मैं पढ़ाई पर फोकस कर रही हूँ, हालांकि मैं यह नहीं चाहती कि दर्शक यासमीन का अभाव महसूस करें, इसलिए सप्ताह में एक दो बार मैं अपने सीन पूरे करने के लिए सेट पर जाती हूँ.`
अपने सभी कामों को ठीक से पूरा करने के लिए अवनीत एक सख्त दिनचर्या का पालन कर रही हैं। अपने चर्चित शो 'अलादीन : नाम तो सुना होगा' के अलावा, एक बहुत अधिक पसंद की जाने वाली कलाकार होने के साथ ही वह सबसे पसंदीदा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी हैं। इन दिनों अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए अवनीत कहती हैं,
`मैं पढाई और करियर के बीच संतुलन बनाने की अभ्यस्त हूँ. हालांकि इस साल कॉलेज का काम बहुत अधिक है क्योंकि कई प्रोजेक्ट और असाइनमेंट पूरे करने हैं. मैं भाग्यशाली हूँ कि मुझे ऐसे शिक्षक मिलें जो मुझे हर विषय में मदद कर रहे हैं. हर सुबह उठ कर मैं उस दिन के लिए दिनचर्या तैयार कर लेती हूँ. साथ ही उस दिन के उन सभी कामों के लिए एक टु डू लिस्ट तैयार करती हूँ. यह चुनौतीपूर्ण है लेकिन मैं निश्चिन्त हूँ कि जीवन में आगे जाने के बाद जब मैं पीछे मुड कर देखूंगी तो इस बात का जश्न मनाउंगी कि मैंने यह उपलब्धि हासिल की.
देखिए अवनीत कौर को यासमीन के रूप में, 'अलादीन : नाम तो सुना होगा' में, हर सोमवार से शुक्रवार, रात 9 बजे केवल सब टीवी पर