निर्देशक: प्रभु देवा
रेटिंग: ***
इस साल की सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्म सलमान खान की 'दबंग 3' आखिर रिलीज़ हो चुकी है और आते हैं सीधा पॉइंट पर और बात करते हैं की सलमान खान इस बार फैन्स के लिए क्या नया लेकर आये हैं.
दबंग 3, जो की एक तरह से दबंग सीरीज की पिछली फिल्मों का प्रीक्वल है, शुरु होती है उत्तर प्रदेश के शहर टूंडला में जहाँ चुलबुल पांडे उर्फ रॉबिनहुड पांडे शानदार जो की अब एएसपी बन गए हैं एक शादी में शानदार सीटीमारर एंट्री मारते हैं और मुसीबत में फंसे लोगों को बचाते हैं जिसके बाद आता है उनका दबंग इंट्रो टाइटल सौंग. सलमान खान पहले सीन से ही स्क्रीन पर छाए रहते हैं. स्क्रीन पर उनकी उपस्थिति और चुलबुल पांडे की दबंग शख्सियत फिल्म के बाकी सभी किरदारों को धूमिल कर देती है और आपका ध्यान सिर्फ उन्ही पर रहता है. सलमान के चाहनेवालों को बिना किसी शक के ये फिल्म बेहद पसंद आने वाली हैं.
कहानी आगे बढती है और कुछ देर बाद ही मक्खी (अरबाज़ खान) जो अब एक पुलिस इंस्पेक्टर है, नाबालिग लड़कियों को मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति में धकेलने वाले एक गिरोह से बचाने के लिए अकेले पहुँचता है, लेकिन इतने गुंडों के लिए वह अकेला काफी नहीं है और एक बार फिर चुलबुल पांडे की एंट्री होती है जो दुश्मनों को धूल चटा देता है. इसके ठीक बाद चुलबुल की मुलाकात होती है गिरोह के सरदार बाली (किचा सुदीप) से जिसके साथ उसका एक दर्दनाक अतीत रह चुका है.
चुलबुल की यादों के ज़रिये फिल्म हमें फ्लैशबैक में लेकर जाती है जब चुलबुल पाण्डेय एक दबंग पुलिस ऑफिसर नहीं बल्कि एक आम नौजवान 'धाकड़' था, जिसे ख़ुशी (साई मांजरेकर) से प्यार हो गया था. मगर दोनों की लव स्टोरी में एक खतरनाक गैंगस्टर 'बाली' की एंट्री हो जाती है जो की ख़ुशी को किसी भी कीमत पर पाना चाहता है. चुलबुल और ख़ुशी की कहानी में इसके बाद जो मोड़ आता है वो 'धाकड़' को दबंग पुलिस इंस्पेक्टर चुलबुल पांडे बनने की राह पर लेकर जाता है और यह यही दबंग 3 का आधार है.
फिल्म की कहानी में कुछ नया नहीं है और आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं की आगे क्या होगा है. कुछ सुस्त पलों, बेमतलब के गानों और इन सब के बीच मुसीबत में फंसी फिल्म की लीडिंग लेडीज़ को बचाते हुए चुलबुल पांडे के साथ फिल्म ज़्यादातर समय आपको एंटरटेन करने में कामयाब रहती है और आपका मनोरंजन करती है.
प्रभु देवा का निर्देशन फिल्म में साउथ का ताबड़तोड़ एक्शन और रंगीन गाने लेकर आता है जो की सिंगल स्क्रीन्स में कामयाब रहेगा मगर जिन्हें फिल्मों में मसाला पसंद नहीं है उनके लिए ये गाने सिर्फ फिल्म की लय तोड़ने का काम करते हैं. फिर भी, अगर आपको सलमान खान या मसाला बॉलीवुड एंटरटेनमेंट पसंद हैं तो यह सब आप झेल लेंगे.
सलमान खान ने एक बेईमान मगर इमानदार ए.एस.पी. और 'ही-मैन' चुलबुल पांडे के रूप में फिल्म पूरी तरह से अपने कंधो पर उठाई हुई है. वह अपनी उपस्थिति से फिल्म के सुस्त पलों को भी ज्वलंत कर देते हैं और में फिल्म के कुछ ज्यादा ही लम्बे स्क्रीनप्ले में जान फूँक देते हैं. पूरी फिल्म उनके उपर निर्भर करती है और एक वन-मैन शो बन कर रह जाती है.
चुलबुल पांडे के कट्टर दुश्मन और क्रूर विलन बाली सिंह के रूप में किचा सुदीप ने अपने किरदार को बखूबी जिया है. वह नेगेटिव किरदार में भी दर्शकों से सीटियाँ बजवाने में काम हैं और हर दृश्य में शानदार लगते हैं. सलमान के अलावा अगर फिल्म में कुछ जानदार है तो वे हैं किचा और उनका खतरनाक विलन बाली.
पांडे जी की सेक्सी पत्नी रज्जो के रूप में सोनाक्षी सिन्हा एक बार फिर अच्छी लगी हैं और सलमान के साथ उनकी नोक-झोंक मनोरंजक है. साईं मांजरेकर ख़ुशी के रूप में परदे पर सुंदर दिखी हैं मगर उनके किरदार के पास कुछ करने को नहीं है और शायद आप उन्हें थिएटर से निकलने के बाद याद भी न रखें. अरबाज़ खान हमेशा की तरह एक आदर्श भाई मक्खी की भूमिका में फिट हैं.
दबंग 3 का बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म के स्क्रीनप्ले को काफी सपोर्ट देता है. फिल्म में एकमात्र मनोरंजक गाना है सलमान अली और मुसकान का 'आवारा' जो की चुलबुल और ख़ुशी की प्रेम कहानी को आकर्षक बनाता है.
क्लाइमैक्स में आपको भरपूर एक्शन और भारी - भरकम वन लाइनर्स मिलेंगे और कीचा सुदीप के साथ सलमान का ट्रेडमार्क शर्टलेस फाइट सीन उनके चाहनेवालों के लिए एक पैसा वसूल पल है साथ ही पिछली फिल्मों से आपको कई सरप्राइज़ और एक कमियों भी आपको देखने को मिलेगा.
कुल मिलाकर, दबंग 3 एक प्रीक्वल - सीक्वल फिल्म है जिसमें 'दबंग' फिल्मों में जो कुछ होता है वो सब आपको मिलेगा. चुलबुल पांडे, एक खतरनाक और बर्बर विलन, मुसीबत में फंसी हिरोइन, भारी भरकम पर वन-लाइनर्स और सलमान का शर्टलेस क्लाइमैक्स फाइट सीन. तो अगर आप सलमान खान के ज़बरदस्त फैन हैं तो बिना सोचे जाइए ये फिल्म आपको पसंद आएगी और अगर नहीं हैं तो तभी जाएं अगर आपको मसाला फ़िल्में पसंद हैं.