निर्देशक: राज मेहता
रेटिंग: ***
राज मेहता की गुड न्यूज़ आखिरकार रिलीज़ हो चुकी है तो आइये जानते हैं की जाते हुए ये साल हमें 'गुड न्यूज़' देकर जाता है या नहीं.
गुड न्यूज़ कहानी है मुंबई शहर एक रईस जोड़े वरुण और दीप्ति बत्रा की (अक्षय कुमार और करीना कपूर) जो की लम्बे समय से माता - पिता बनने की कोशिश कर रहे हैं मगर बात बन नही रही. अंत में दोनों मां - बाप बनने का अपना सपना पूरा करना मुंबई के एक नामी अस्पताल से आईवीऍफ़ करवाने का फैसला करते हैं मगर बात तब उलटी पड़ जाती है जब बत्रा जोड़ी नंबर 1 का स्पर्म चंडीगढ़ से आये मिस्टर और मिसिज़ हनी और मोनिका बत्रा के साथ अदल - बदल हो जाता है.
दीप्ति बत्रा हनी बत्रा के बच्चे की मां बनने वाली हैं और मोनिका बत्रा वरुण बत्रा के बच्चे की और कमाल की बात ये है की दोनों ही जोडियाँ एक दूसरे से एकदम उलट हैं जो की फिल्म की कहानी में कई मजेदार ट्विस्ट लेकर आता है. सवाल उठता है की अब क्या किया जाए किसका बच्चा कौन रखेगा? इसका क्या जवाब मिलता है और आगे दोनों जोड़ियों की ज़िन्दगीयों में क्या मोड़ लेकर आता है यही 'गुड न्यूज़' की कहानी है.
डायरेक्टर राज मेहता ने अपनी पहली फिल्म में बढ़िया काम किया है. उन्होंने अक्षय, करीना, दिलजीत और किआरा जैसे कलाकारों और उनकी क्षमताओं का पूरा इस्तेंमाल किया है. वे फिल्म की शुरुआत से ही ये साफ़ कर देते हैं की उनका मकसद दर्शक को एंटरटेन करना और हँसाना है जिसमे वे कामयाब भी हुए हैं.
फिल्म का स्क्रीनप्ले टाइट है और शुरुआत से ही आपको बाँध कर रखता है. फिल्म और खासकर इसका फर्स्ट हाफ कॉमेडी और लाफ्टर के डोज़ से भरपूर है और कहीं भी फिल्म खिंची हुई नज़र नहीं आती है. निर्देशक राज मेहता ने फिल्म की कहानी को जितना हो सके फॅमिली ऑडियंस के लिए साफ़ रखने की कोशिश की है मगर इसके टॉपिक के कारण कुछ जगह आपको परिवार के साथ फिल्म देखने में असहज महसूस हो सकता है, मगर मनोरंजन की कोई कमी नहीं है.
बात करें परफॉरमेंस की तो अक्षय यहाँ अपनी फुल फॉर्म में नज़र आये हैं. वे फिल्म के हर सीन में ज़बरदस्त लगे हैं और उनकी कॉमिक टाइमिंग बेहद सटीक है जो आपको ख़ूब हंसाती है. बिना किसी शक के अक्षय कुमार गुड न्यूज़ की आत्मा हैं जिन्होंने फिल्म में अपने किरदार के हर पल को जिया है.
करीना कपूर ने भी 'दीप्ति बत्रा' के किरदार मे प्रशंसनीय काम किया है और उन्होंने दीप्ति के मज़बूत, कमज़ोर, निराश हर एक पहलु को परदे पर बखूबी पेश किया है. उन्हें स्क्रीन अपर देखना हर पल आनंदमय है.
दिलजीत दोसांझ पंजाब के जोर-शोर और एनर्जी से भरे हनी बत्रा के किरदार के साथ लगभग इन्साफ करते हैं और उनकी परफॉरमेंस ठीक है. 'कबीर सिंह' में एक शांत और सुशील प्रीती के बाद एक पंजाबी कुड़ी के किरदार में यहाँ किआरा अडवाणी की परफॉरमेंस भी बढ़िया है मगर दिलजीत और किआरा दोनों के किरदारों को बॉलीवुड की पंजाबियों को लेकर उसी घिसे हुए रूप में पेश करना जो की आज के समय में अजीब और कहीं कहीं तो भद्दा भी लगता है.
आदिल हुसैन और टिस्का चोपड़ा भी डॉक्टर्स के किरदारों में फिल्म में एंटरटेनमेंट के तडके को और बढाते दिखते हैं. फिल्म का म्यूजिक ठीक - ठाक है और इसमें एक मैसेज देने की भी कोशिश की गयी है जो आपको पसंद आएगा या नहीं वो निर्भर करता है आपकी सोच पर.
कुल मिलाकार राज मेहता की डेब्यू फिल्म एक दमदार एंटरटेनर है जो आपको हंसाएगी और शुरु से अंत तक बाँध कर रखती है. कॉमेडी का तड़का लगाने के लिए कुछ घिसी पिटी चीज़ें फिर से इस्तेमाल की गयी हैं मगर उन्हें नज़रअंदाज़ कर सकें तो फिल्म ज़रूर देखी जा सकती है.