डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा
VMate ने इस वैश्विक महामारी के और देशव्यापी लॉकडाउन के शुरू होने पर ही नोवेल वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करने और इस विषय में फैली गलत धारणाओं को दूर करने के लिए कुछ डॉक्टरों से नाता जोड़ा था। आज जबकि लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो चुका है, यह लिस्ट और बढ़ चुकी है और देशभर के अलग-अलग भागों से डॉक्टर तथा अन्य मेडिकल प्रोफेशनल्स VMate से जुड़ चके हैं। कुछ डॉक्टरों जैसे फरीदाबाद की डॉ खुश्बू तंवर और नैनीताल की चित्रा टमटा ने इस ऍप के जरिए लोगों को मास्क सही ढंग से लगाने, सब्जियां पकाने या फलों आदि को खाने से पहले जरूरी सावधानियों के बारे में जानकारी दी। कुछ अन्य ने इस ऍप की व्यापक पहुंच का लाभ उठाते हुए लोगों को शराब की दुकानों के बाहर लगी लंबी कतारों में नहीं खड़े होने के बारे में बताया, क्योंकि ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
फिलहाल जबकि बहुत-सी जगहों पर ओपीडी और क्लीनिक बंद पड़े हैं, कुछ मेडिकल प्रोफेशनल्स ने शॉर्ट वीडियो ऍप के जरिए कोविड-19 से इतर स्वास्थय समस्यायों के साधारण इलाज सुझाये हैं, मसलन पाचन तंत्र को सही रखने तथा दर्द में राहत दिलाने वाले व्यायाम आदि के बारे में जानकारी देने की पहल की है। ये कुछ ऐसी आम समस्याएं हैं जो लोगों के सामने पेश आ रही हैं और मौजूदा हालात में वे इनके समाधान के लिए डॉक्टरों को दिखाने के लिए भी नहीं जा सकते।
पुलिसकर्मी भी आगे आए
कई पुलिसकर्मियों ने भी लोगों को प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी देने के लिए VMate का रास्ता चुना है। चूंकि ये पुलिसकर्मी ज़मीनी स्तर पर कार्यरत हैं और ज़मीनी हकीकतों से पूरी तरह परिचित भी होते हैं, ऐसे में ये लोगों को असली हालात की जानकारी दे रहे हैं और इन सूचनाओं को लाखों शॉर्ट वीडियो यूज़र्स तक पहुंचा रहे हैं। यहां तक कि ये कविताओं, दोहों, शेरो-शायरी के जरिए अपनी रचनात्मकता का परिचय देते हुए उपयोगी संदेश आम जनता को दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश में लखनऊ के पुलिसकर्मी मंजीत पटेल ने एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वे उर्दू में एक शेर पढ़ रहे हैं:
मैं खैरियत से हूं, तुम खैरियत से रहना
मैं आपके लिए बाहर हूं, तुम घर में रहना
किसी के हाथ को छूना नहीं, लेकिन किसी का साथ छोड़ना नहीं
कोई भी हो आपके पड़ोस में तकलीफ में, तो मुंह अपना मोड़ना नहीं
इसी तरह, उन्नाव के एक अन्य पुलिसकर्मी धीरज कुमार ने भी अपने वीडियो के मार्फत लोगों को कोरोना से खुद का बचाव करने के लिए घर पर ही रहने का संदेश दिया है।
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ - मीडिया/पत्रकार
अनेक प्रमुख प्रकाशन और क्षेत्रीय मीडिया घरानों ने भी इस कठिन वक़्त में कोरोना संबंधी सूचनाओं के प्रसार के लिए VMate से नाता जोड़ा है। इनमें कुछ अग्रणी नाम हैं दैनिक जागरण, पंजाब केसरी, खबर तक, देसी खबरें, एम जे मीडिया, छत्तीसगढ़ खबरी तथा वायरल खबर।
गुमनाम कोरोना योद्धाओं की सूची में में कुछ ऐसे पत्रकार/रिपोर्टर भी शामिल हैं जो देश के अंदरूणी और दूरदराज के इलाकों की खबरें ला रहे हैं। चूंकि मीडिया के प्रमुख प्लेटफार्मों पर इन खबरों को कम जगह ही मिलती है, लिहाज़ा ये पत्रकार भी अपनी खबरें लाखों लोगों तक पहुंचाने के लिए शॉर्ट वीडियो ऍप्स की मदद ले रहे हैं। हरियाणा में पानीपत के रिपोर्टर हरित VMate पर क्रिएटर भी हैं और उन्होंने उन प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं तथा तकलीफों को ऍप के जरिए लाखों लोगों तक पहुंचाया है जो भोजन और पानी जैसी बुनियादी जरूरतों से भी महरूम हैं। उन्होंने दिखाया है कि कैसे एक 5 वर्षीय मासूम बच्चा तक इस संकट के चलते अपने घर-बार से दूर फंसा हुआ है।
यह जानना सुखद है कि कुछ पत्रकार इस ऍप का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक खबरों और कहानियों को लोगों तक बांटने के लिए कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, गोरखपुर के पत्रकार ओ पी गुप्ता ने चौरी चौरा के बाशिंदों का एक वीडियो शेयर किया है जो पुलिस कर्मियों का अभिनंदन कर रहे हैं। इसी तरह, गौतम बुद्ध नगर की एक रिपोर्टर ने सहारनपुर में लॉकडाउन के दौरान संपन्न एक ऐसी अद्भुत शादी की मिसाल पेश की है जिसमें सोशल डिस्टेन्सिंग संबंधी किसी भी निर्धारित मानक या नियम आदि का उल्लंघन नहीं हुआ।
ये तमाम पेशेवर और क्रिएटर इस संकटकाल के गुमनाम नायक हैं जिनकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। ये हम तक न सिर्फ सूचनाएं पहुंचा रहे हैं बल्कि एक उम्मीद भी दिखा रहे हैं कि मौजूदा हालात कितने ही मुसीबत भरे क्यों न हों, मगर इस सुरंग के उस पार रोशनी है।