Bollywood News


लूटकेस रिव्यु: कॉमेडी और क्राइम से भरपूर है कुणाल खेमू की लूटकेस

लूटकेस रिव्यु: कॉमेडी और क्राइम से भरपूर है कुणाल खेमू की लूटकेस
कास्ट: कुणाल केमू, गजराज राव, रणवीर शोरे, विजय राज़, रसिका दुग्गल

निर्देशक: राजेश कृष्णन

रेटिंग: ***

लूटकेस की कहानी एक लोवर मिडिल क्लास इंसान नंदन (कुनाल केमू) के इर्द - गिर्द घूमती है जिसकी ज़िन्दगी एक दिन तब बदल जाती है जब उसे एक पैसों से भरा हुआ बैग मिलता है जो की एक राजनेता पाटिल (गजराज राव) का है| पाटिल उस बैग को वापस पाने के लिए शहर सबसे अजीब गुंडों को किराए पर लेता है क्यूंकि ये बैग आगे एक और बड़े राजनेता का है जो इसे वापस चाहता है |

बैग मिलने के बाद नंदन की किस्मत उसके परिवार में शामिल हुए नए सदस्य (सूटकेस) के कारण रातों रात पलट कर फटेहाल से खुशनुमा बन जाती है क्यूंकि अब वो अपनी चिक - चिक करती पत्नी लता (रसिका दुग्गल) और बच्चे की सारी ज़रूरतें पूरी कर सकता है|

एक भोले-भाले नंदन ने कभी एक साथ इतना पैसा देखा नहीं है तो जल्द ही उसे ये चिंता सताने लगती है की आखिर वो इतने पैसों का करेगा क्या और दूसरी तरफ उसकी पत्नी लता को भी नंदन के हालात इस तरह रातों - रात बदलने पर शक होने लगता है| नंदन की ज़िन्दगी में तूफ़ान तब आता है जब एक पुलिस ऑफिसर कोल्टे (रणवीर शोरे) पाटिल और उनके गुंडे मिल कर उनके पैसों से भरे इस सूटकेस की तलाश शुरू करते हैं और इसके बाद जो उठा - पटक होती है वो है लूटकेस की बाकी की कहानी|

राजेश कृष्णन के निर्देशन में बनी ये कॉमेडी फिल्म एक गरीब आम इंसान की ज़िन्दगी की मुश्किलों और हालात को मज़ेदार बना कर पेश करती है | फिल्म की कहानी में कॉमेडी और ड्रामें का तड़का बखूबी लगा है जो की मिल कर आपकी आँखों को स्क्रीन पर टिका कर रखने में ज़्यादातर समय कामयाब रहते हैं| फिल्म के सबसे मज़ेदार पलों में से एक है जब कुनाल का किरदार 'नंदन' पैसों से भरे इस बैग से बातें करने लगता है जिसे वह आनंद पेटिकर के नाम से बुलाता है और सपनों में उसे गले से भी लगाता है |




लेखन पर नज़र डालें तो यहाँ औसत काम दिखता है और स्क्रीनप्ले भी कई जगह दौड़ता नज़र आता है मगर धीरे - धीरे फिल्म खुद को संभाल लेती है और सेकंड हाफ में तो आपको हंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है | एडिटिंग डिपार्टमेंट यहाँ फिल्म को संभालने का काम करता है और 2 घंटे 12 मिनट की फिल्म कुछ जगह छोड़ कर ज़्यादा खिंची हुई नहीं लगती है तथा खूब एंटरटेन करती है |

एक्टिंग पर नज़र डालें तो कुनाल खेमू एक गरीब और कंजूस आदमी नंदन कुमार जिसे पैसों से भरे एक बैग से प्यार हो गया है इस किरदार में खूब जचे हैं| उनकी एक्टिंग, कॉमिक टाइमिंग एंड हाव - भाव एक दम सटीक हैं जिन्हें देखना मात्र ही मनोरंजक लगता है | नंदन की शक्की पत्नी लता के रूप में रसिका ने भी अच्छी अदाकारी दिखाई है और हर बार की तरह इस बार भी अपनी छाप छोड़ी है|

फिल्म के डायलॉग्स औसत हैं हालांकि कुनाल - रसिका के व विजय राज़ (बाला) जो की अपने गुंडों को नेशनल जियोग्राफिक चैनल सब्सक्राइब करने को कहता रहता है ताकि वे अच्छे शिकारी बन सकें, के किरदारों के डायलॉग काफी मनोरंजक हैं| मिनिस्टर पाटिल के रूप में गजराज राव भी 'बधाई हो' और 'शुभ मंगल ज़्यादा सावधान' के बाद फिर अपनी एक्टिंग और कॉमिक टाइमिंग का दम दिखाते हैं तथा बाकी कलाकारों का प्रदर्शन भी ठीक है | फिल्म का संगीत कहानी के साथ अच्छा लगता है और जो कुछ गाने हैं उनकी प्लेसमेंट भी ठीक लगती है |

कुल मिलाकर लूटकेस एक मनोरंजक फिल्म है जिसमे आपको कॉमेडी और ड्रामें का अच्छा मिश्रण देखने को मिलता है | कुनाल केमू और विजय राज़ फिर एक बार प्रभावित करते हैं साथ ही गजराज राव, रसिका दुग्गल और रणवीर शोरे भी अपनी एक्टिंग से एंटरटेन करते हैं | एक साफ़ सुथरी कहानी के साथ लूटकेस एक बढ़िया कॉमेडी फिल्म है जिसे अपने पूरे परिवार के साथ डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर देख सकते हैं |

End of content

No more pages to load