कंगना के वकील बिरेन्द्र सराफ ने आज कोर्ट में कहा है कि सभी इंटरव्यू की CD देंगे, जिसमें उन्होंने (राउत) हरामखोर शब्द के मतलब को भी बताया है| इसपर जस्टिस कथावाला ने कहा कि हमारे पास उसके लिए शब्दकोश है| इस पर सराफ ने उन्हें बताया कि संजय राउत के मुताबिक इस शब्द का मतलब नॉटी होता है, जिसपर जस्टिस कथावाला ने हैरानी जताई, उन्होंने पूछा तो फिर नॉटी का मतलब क्या होता है?
इसके जवाब में बीएमसी के वकील अस्पी चिनॉय ने कहा कि वे इस मामले को देख रहे हैं| जस्टिस कथावाला ने ये भी कहा कि उनके पास अभी तक फोन भी नहीं पहुंचे हैं| कथावाला ने वकील सराफ से उनके टीवी न्यूज चैनल को दिए पूरे इंटरव्यू की वीडियो को देने के लिए भी कहा है| कंगना के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने कंगना के 30 अगस्त से अब तक के सभी ट्वीट पेश कर दिए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वह संजय राउत का पूरा इंटरव्यू नहीं ढूंढ पाए, सिर्फ एक क्लिप ही है जो पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। पूरा विडियो ट्रेस करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे पहले कोर्ट ने कंगना रनौत के वकील को बीएमसी की कार्रवाई से जुड़ी फाइल और संजय राउत के दोनों इंटरव्यू के क्लिप लाने को कहा था।
आज बीएमसी के वकील ने कोर्ट में कहा, 'याचिका इस तरह से पेश की गई है जिससे लग रहा है कि व्यक्ति विशेष के सरकार और सत्तारूढ़ दल के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बोलने से उन पर उत्पीड़न हुआ है। सच्चाई इससे थोड़ी अलग है, यह एक ऐसा मामला है जहां याचिकाकर्ता ने गैरकानूनी रूप से अवैध निर्माण किए हैं'|
वहीं बीएमसी-कंगना सुनवाई पर 2 करोड़ का मुआवजा की मांग पर कंगना के वकील ने कहा, 'जो नुकसान हुआ है उसका आकलन करने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं। अगर कोर्ट चाहे तो किसी को भेजकर नुकसान का जायजा ले सकती हैं'| कोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई से जुड़ी फाइल आज पेश करने के लिए कहा था, समय पर कार्यवाही न होने के कारण आज फिर कोर्ट ने सुनवाई को आगे बढ़ा दिया है|
बता दें कि कंगना के वकील बिरेन्द्र सराफ ने कोर्ट को कंगना के ऑफिस में हुई तोड़फोड़ की तस्वीरें दिखाई हैं| उन्होंने पुरानी फोटोज और तोड़फोड़ के बाद ली गई फोटोज में तुलना भी की| इस पर जस्टिस कथावाला ने उनसे कहा, 'हमारे साथ कई ऐसे केस हुए हैं जब हमने कॉरपोरेशन को किसी जगह को तोड़ने के लिए कहा और उन्होंने नहीं तोड़ा|
इसीलिए हमने देखा कि इस केस के हमारे पहले आर्डर पर ही जिस तेजी ने उन्होंने (बीएमसी) काम किया अगर वो शहर के अन्य केस पर भी इतनी तेजी से काम करें तो ये शहर रहने के लिए और बेहतर हो जाएगा'| उन्होंने ये भी बताया कि कई बार ऐसा भी हुआ है कि बीएमसी को तोड़फोड़ ना करने के लिए फाइन भरना पड़ा है|