संजय दत्त और बच्चो की बॉन्डिंग काफी अच्छी होगयी थी शूटिंग के बाद हम सब मिलकर अलग अलग गेम्स खेला करते थे और काफी मजेदार एक्टिविटीज किया करते थे। कोई भी इतने बड़े अभिनेता को ऐसे खेलते हुए देखकर कहेगा की वह बहोत ही प्यार करनेवाले पिता है। बच्चे उनसे डरते नहीं थे - चाहे वह उनकी दाढ़ी हो, उनकी आवाज़ हो या उनकी ऊँचाई हो। युवाओं के साथ काम करने के बाद, संजय सर को पता है कि कैसे बच्चों के लिए सही वातावरण बनाया जा सकता है हम सब जल्द ही एक साथ ज्यादातर समय बिताने लगे।"
राज ने आगे कहा, "संजय सर द्वारा निभाए गया कॅरक्टर उन बच्चों के जीवन में क्रिकेट के रूप में आशा की किरण लाता है, जिनके पास कुछ भी नहीं था और रिफ्यूजी कैम्प में रहते थे। शूटिंग के अंतिम दिन, हम सभी उदास थे विशेष रूप से संजय सर और बच्चे कि अब इस यात्रा को रोक दिया जाएगा। जब मैंने फिल्म के पहले कुछ भाग देखे, तो मुझे विश्वास होगया कि हमारी मेहनत और लगन रंग लायेगी। हमारे बुद्धिमान दर्शक भी इसे पसंद करेंगे। फिल्म कि कहानी बहुत ही विशेष स्वरुप कि कहानी है, बहुत ईमानदार और बहुत प्रभावशाली है। संजय दत्त से बेहतर इस किरदार को कोई नीभा नही सकता था"
राज तेलुगु में 'सहसम' जैसी फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। हिंदी में 'डब्ल्यू' और इंडियन द ग्रेट इंडियन एस्केप 'और साक्षी तंवर के साथ कर ले तू भी मोहब्बत' इस वेब सीरीज में भी उन्होने काम किया है । राजने चैनल V के शो 'मस्तानगी' में नेगेटिव किरदार निभाया है।