निर्देशक: सुदिप्तो सेन
रेटिंग: ***
आज यानि 15 मार्च के दिन सुदीप्तो सेन निर्देशित बहुप्रतीक्षित फिल्म `बस्तर: द नक्सल स्टोरी` को बड़े पर्दे पर लोगों के सामने प्रस्तुत कर दिया गया है| यह दूसरा मौका है जब कोई मूवी नक्सलवाद जैसे गम्भीर मामले को लेकर लोगों के सामने आई है| इससे पहले अदा शर्मा स्टारर `द केरला स्टोरी` ने दर्शकों की खूब प्रशंसा बटौरी थी| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज रिलीज़ हुई `बस्तर: द नक्सल स्टोरी` फिल्म में भी अदा शर्मा ही मुख्य भूमिका निभाती दिखाई दी हैं| अगर आप भी इस नक्सलवाद से भरी कहानी को देखने की सोच रहे हैं तो उससे पहले हमारा यह रिव्यू जरुर पढ़ कर जाएँ| यह आपकी फ़िल्म देखने या ना देखने के फ़ैसले में बहुत ज्यादा मदद करेगा|
`बस्तर द नक्सल स्टोरी` फ़िल्म की कहानी छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर में हो रहे नक्सलवादी हमलों से शुरू होती है| यह हमले देखने के बाद आपकी भी रूह कांप जाएगी| इन नक्सलवादियों ने सीआरपीएफ कैंप को टारगेट बनाकर काफ़ी बड़ा हमला किया है जिसमें भारतीय सेना के 76 जवान शहीद हो जाते हैं| वहां के माओ आंतकवादी बस्तर में अपनी सरकार बनाने की कोशिश में लग जाते हैं जिसके लिए ये सभी वहां पर रह रहे आम लोगों को तंग करना शुरू कर देते हैं|
इतने बड़े हमले के बाद बस्तर में एक आईपीएस ऑफिसर नीरजा माधवन (अदा शर्मा ) की नियुक्ति होती है| जिसका मकसद कैसे भी करके उन सभी नक्सलवादियों को बस्तर से खत्म करना होता है| यहाँ पर ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद नीरजा काफी मुश्किलों में पड़ जाती है यहाँ तक कि उसको अपने पेट में पल रहा बच्चा भी जीवित प्राप्त नही हो पता है| बस्तर के सरकारी सिस्टम और अपनी निज़ी जिंदगी से लड़ती हुई कैसे वह नक्सलवाद को खत्म कर पाएंगी, यही सारा सस्पेंस आपको अंत तक फ़िल्म के साथ जोड़ के रखता है|
इस बात का तो सभी को पता है कि `द केरल स्टोरी` में अदा शर्मा ने अपनी एक्टिंग से सभी को मोहित कर लिया था| `बस्तर द नक्सल स्टोरी` फ़िल्म में उनका अभिनय कौशल और ज्यादा निखर कर सामने आया है| एक आईपीएस अधिकारी के रूप में वह अपने हर शॉट में दमदार नज़र आई हैं| प्रेग्नेंट होने के बाद भी उनका देश के प्रति जुनून कम नही होता हैं, ऐसे ही कुछ सीन दर्शकों को झकझोरती कर रख देते हैं| इनके अलावा यशपाल शर्मा भी अपने किरदार में आकर्षक नज़र आए हैं, उन्होंने अपने रोल के साथ अच्छे से न्याय किया है| अगर अदा शर्मा और यशपाल शर्मा को छोड़ दिया जाए तो बाकि सभी कलाकार अपने किरदारों में एक्टिव नही दिखाई दिए हैं| ये सभी अपने रोल से दर्शकों को निराश करते नज़र आ रहे हैं|
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निर्देशन में सुदीप्तो सेन ने अपना काम बख़ूबी निभाया है| उन्होंने हर किरदार को लोगों के सामने से स्टिक तरीके से पेश करने की कोशिश की हैं परन्तु कलाकारों की एक्टिंग उनके काम पर पानी फैर देती हैं| नक्सलवादी मुद्दे को इतनी अच्छी पकड़ के साथ प्रदर्शित करना वाकई काबिलेतारीफ़ हैं| यहाँ पर हम फिल्म निर्माता विपुल शाह के बारे में भी कुछ कहना चाहेंगे| आज के समय में बहुत कम मेकर्स ऐसा रिस्क लेते हैं जो वह हर बार लेने लगे हैं| उन्होंने एक ऐसे कंटेंट को लोगों के सामने पेश किया है जिसको दूसरे निर्माता बनाने से पहले हजार बार सोचते हैं|
फिल्म के कुछ सीन आपको फ़ालतू के लग सकते हैं जैसे थोड़ी-थोड़ी देर में खून हो जाना आदि| जिसकी वजह से इसकी कहानी थोड़ी कमजोर पड़ने लगती है| इस कमी को खत्म करने का काम फ़िल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक करता है जो आपको बहुत पसंद आने वाला है|
अंत में हम आपको यही कहेंगे कि `बस्तर: द नक्सल स्टोरी` एक अच्छी मूवी है| जिसको आप अपने परिवार और बच्चों के साथ आराम से देख सकते हैं| कुछ सीन को अगर छोड़ दें तो नक्सलवाद जैसे गम्भीर मुद्दे को दर्शाती अदा शर्मा स्टारर यह कहानी आपको बहुत पसंद आने वाली है|