निर्देशक: सुकुमार
निर्माता:: नवीन येरनेनी, रविशंकर
रेटिंग: ***1/2
अगर आपको पता हो फिल्म 'पुष्पा' का पहला पार्ट 17 दिसंबर 2021 को कोविड लॉकडाउन हटने के बाद बड़े पर्दे पर रिलीज़ किया गया था| इस मूवी के हिंदी, तेलुगू, तमिल और मलयालम भाषा जैसे सभी वर्जन को दर्शकों का खूब प्यार प्राप्त हुआ था| फिल्म 'पुष्पा: द राइज़' उस साल की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी, जिसने कई रिकॉर्ड अपने नाम किये थे। उस समय अल्लू अर्जुन का पुष्पाराज किरदार बच्चे-बच्चे की जुबान पर बैठ गया था| अपने शानदार अभिनय कौशल की वजह से अभिनेता को भारत सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया था| आज यानि 5 दिसंबर 2024 के दिन अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना स्टारर 'पुष्पा: द रूल' फिल्म को सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया गया है|
सुकुमार के निर्देशन में तैयार बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट 'पुष्पा 2' के प्रदर्शन से मेकर्स को पहले से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं| यही सवाल अल्लू अर्जुन के फैन्स में भी है कि क्या अभिनेता इस बार भी उनका दिल जीत पाएंगें| आज हम आपके लिए 'पुष्पा 2: द रूल' फिल्म का बेहद ही शानदार रिव्यू लेकर आ गए हैं, इसको पढ़ने के बाद आपको यह आईडिया लग जाएगा कि लाल चंदन की तस्करी के अपने उसी साम्राज्य को आगे बढ़ाते पुष्पाराज यानि अल्लू अर्जुन अपने किरदार से दर्शकों को आकर्षित के पाए हैं या नही| यह रिव्यू आपकी फिल्म देखने या ना देखने के फ़ैसले में भी काफी मदद करने वाला है|
'पुष्पा 2: द रूल' की कहानी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2021 में जहाँ पर फिल्म 'पुष्पा: द राइज़' खत्म हुई थी, वहीँ से कहानी को शुरू किया गया है| अपने चंदन की तस्करी के काले धंधे को पुष्पा राज (अल्लू अर्जुन) इस बार बड़े लेवल पर ले जाना चाहते हैं| एक दिन उस राज्य के मुख्यमंत्री पुष्पा राज के इलाके में आते हैं, जहाँ पर श्रीवल्ली (रश्मिका मंदाना) अपने पति पुष्पा राज (अल्लू अर्जुन) से कहती है कि उसे मंत्री के साथ फोटो करवानी है|
परंतु मुख्यमंत्री इस बात की अनुमति नही देता क्योंकि श्रीवल्ली का पति पुष्पा राज एक लाल चंदन की तस्करी करने वाला होता है| उस मुख्यमंत्री की इस नकारात्मक प्रतिक्रिया को पुष्पा राज अपने दिल में बैठा लेता है और लाल चंदन की तस्करी को काफी बड़ा कर लेता है| क्या पुष्पा अपनी पत्नी के अपमान का बदला ले पाएगा? क्या वह लाल चंदन तस्करी से ही अपने जीवन में आने वाली समस्याओं से निपट पाएगा| और पुष्पा राज अपने काल धंधे से बड़े नेताओं से लड़ने में कामयाब हो पाएगा| इन सभी सवालों के जवाब के लिए आपको हमारे इस मजेदार रिव्यू को ध्यान से पढ़ना होगा|
कैसा है कलाकार का अभिनय कौशल
फिल्म 'पुष्पा: द राइज़' में पहले ही अल्लू अर्जुन अपनी शानदार एक्टिंग से दर्शकों को दीवाना बना चुके हैं| अगर हम 'पुष्पा 2: द रूल' मूवी में अभिनेता के अभिनय की बात करें तो इस बार वह पहले से काफी ज्यादा दमदार नज़र आए हैं| अभिनेता जब भी स्क्रीन पर आए हैं, उन्होंने अपने हर डायलॉग से दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है| स्टार्टिंग से लेकर क्लाइमेक्स तक अभिनेता के फेस एक्सप्रेसन शानदार दिखाई दिये हैं| अगर हम कहें कि अल्लू अर्जुन ने अपने एक्टिंग करियर का शानदार प्रदर्शन इस मूवी में किया है तो यह कहना गलत नही होगा|
बात करें श्री वल्ली (रश्मिका मंदाना) के अभिनय की तो वह भी अपने किरदार में आकर्षक ही नज़र आई हैं। इस युवा अभिनेत्री ने अपने रोमांटिक और इमोशनल डायलॉग से एक्टिंग पक्ष को मजबूती प्रदान की है| अल्लू अर्जुन के साथ 'पेलिंग्स' सॉंग में श्री वल्ली के डांस मूव्स बहुत ज्यादा वायरल हो रहे हैं|
फहाद फासिल भी अपने भंवर सिंह शेखावत के किरदार में दर्शकों का काफी ज्यादा मनोरंजन करते दिखाई दिये हैं| वह जब भी स्क्रीन पर आए हैं, दर्शक अपने आप को हँसने से रोक नही पाए हैं| निर्देशक अगर चाहते तो उनके स्क्रीन टाइम को बढ़ा सकते थे, यहाँ पर एक छोटी सी लगती लेखन और निर्देशन कार्य की नज़र आती है|
आईटम सॉंग 'किसिक' में श्रीलीला का बेहतरीन डांस 'पेलिंग्स' सॉंग में अल्लू अर्जुन के डांस मूव्स को टक्कर देता दिखाई दिया है| अगर बात करें फिल्म 'पुष्पा: द राइज़' के सामंथा द्वारा प्रदर्शन आईटम सॉंग 'ऊ अंतवा ऊ ऊ अंतवा' गाने की तो वो कमी आपको 'किसिक' गाने में बहुत ज्यादा खलने वाली है| इन सभी के अलावा राव रमेश, सुनील, अनसूया, अजय, जगपति बाबू जैसे कलाकार भी अपने कम स्क्रीन टाइम स्पेस में एकदम सटीक नज़र आए हैं|
निर्देशन कार्य
वैसे तो सुकुमार ने लेखन और निर्देशन दोनों ही कार्य काफी ईमानदारी से किये हैं| परंतु कई जगह पर वह कलाकारों के साथ न्याय करते नज़र नही आए हैं| फहाद फासिल, सुनील, अनसूया और जगपति बाबू के किरदार की टाइमिंग को थोड़ा और समय दिया जा सकता था|
इसके अलावा अल्लू अर्जुन का 20 मिनट के आस-पास का जथारा रोल निर्देशक ने धमाकेदार तरीके से लोगों के सामने पेश किया है| खलनायक के रूप में एक मजबूत किरदार को निर्देशक पेश करने में विफल दिखाई दिये हैं| जब मूवी का दूसरा हाफ शुरू होता है तो कई जगह आपको एडिटिंग की कमी भी नज़र आ सकती है|
फिल्म का संगीत
देवी श्री प्रसाद के गानों ने संगीत पक्ष को काफी ज्यादा मजबूती प्रदान की है| उनके चार गाने आपको फिल्म देखने के बाद भी याद रहने वाले हैं और सबसे ज्यादा तो आप मन ही मन 'सूसेकी' सॉंग को गुनगुनाने वाले हो| देवी श्री प्रसाद और सैम सीएस ने मूवी के बैकग्राउंड का काम बहुत ही सराहनीय तरीके से निभाया है|
निष्कर्ष
हमारे इस रिव्यू का कुल मिलाकर निष्कर्ष यह निकलता है कि 'पुष्पा 2: द रूल' फिल्म में थोड़ी बहुत कमी जरुर हैं, परन्तु इसके शानदार एक्टिंग और संगीत पक्ष ने उनको छूपा लिया है|
या यूँ कहें कि जब आप स्क्रीन पर अल्लू अर्जुन को पुष्पा राज रश्मिका मंदाना को श्री वल्ली और फहद फासिल को भंवर सिंह शेखावत के किरदार में देखेंगें तो इन छोटी-छोटी कमियों को भूल जाओगे| अंत में हम यही कह सकते हैं कि अगर आपने काफी समय से कोई मसाला मूवी नही देखि है तो फिल्म 'पुष्पा 2: द रूल' आपका भरपूर मनोरंजन करने वाली है|