जॉन अब्राहम ने 'मद्रास कैफे के ट्रेलर लांच के मौके पर बोलते हुए बताया कि, "यह एक गंभीर फिल्म हैं। हम गुणवत्ता वाली फिल्मों को बनाने में विश्वास रखते हैं। मुझे नहीं पता फिल्म कितने करोड़ कमाएगी। मुझे नहीं लगता कि 100 करोड़ कमाई वाली फिल्म ही अच्छी होती हैं।
जॉन कहते हैं, "ये एक स्पाई थ्रिलर फिल्म हैं जिसकी कहानी भारत और श्रीलंका के बीच राजनैतिक संबंधों पर आधारित हैं। ये फिल्म 23 अगस्त को रिलीज़ होगी। इसके अलावा दो और फ़िल्में 'चेन्नई एक्सप्रेस' जो आठ अगस्त को और 'वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई' हैं जो 15 अगस्त को रिलीज़ होगी। होली डेज पर आपको फिल्मों की अच्छी शुरुआत मिलेंगी लेकिन दिन के अंत में फिल्म की गुवात्ता ही टिकेगी। हम अपनी फिल्मों और इनकी रिलीज़ को लेकर पूरा विश्वास हैं। हमें इनके लिए खाली खिड़की चाहिए थी जो हमें मिली हैं। ये एक बेहद विशेष प्रोजेक्ट हैं जिस पर हमने पांच से छः साल खर्चे हैं।"
निर्देशक शूजीत सिरकर कहते हैं "हम बेहद मजबूत फिल्म सामग्री के साथ एक मनोरंजक फिल्म बनाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि गुणवत्ता वाली फ़िल्में बनाए। फिल्म को लेकर चर्चा हैं कि यह प्रधान मंत्री राजीव गांधी की हत्या और श्रीलंका के लिट्टे की गतिविधियों पर आधारित हैं। फिल्म में ऐसा कोई चित्रण नहीं हैं। फिल्म भारत और श्रीलंका की पृष्ठभूमि पर बनी एक काल्पनिक फिल्म हैं। यह एक यथार्थवादी फिल्म हैं और में इसके अंतिम कट से बेहद खुश हूँ।"
पहले इस फिल्म को 'जाफना' शीर्षक दिया गया था लेकिन बाद में निर्माताओं ने इसे बदलकर 'मद्रास कैफ़े' कर दिया। क्योंकि यह शीर्षक फिल्म की कहानी से मेल खाता हैं। शूजीतकहते हैं ऐसे परिस्थिति में एक रणनीतिक बैठक की जाती हैं। इस फिल्म में नर्गिस फाकरी भी होंगी जो एक पत्रकार के रूप में हैं।
नर्गिस का कहना हैं कि मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर बेहद खुश हूँ। जॉन और शूजीत के साथ काम करना बेहद मजेदार रहा। मैंने इस फिल्म में अपने किरदार के लिए बेहद मेहनत की हैं। मैंने बहुत साड़ी चीजें ऑनलाइन भी देखी हैं की वे कैसे काम करते हैं, उनके हाव-भाव्। बल्कि फिल्म के गहन चरित्र वाले सीन शूट करने में तो मैं दर भी गई थी। जॉन नर्गिस की तारीफ़ करते हुए कहते हैं कि फिल्म में उनके काम को देखकर सभी को गर्व महसूस होगा।