फिल्म का यह सीन एक फाइट सिक्वेंस था। जिसके लीड रोल में दक्षिणी अभिनेता राम चरण तेज़ा थे। इस शूट के लिए फिल्म निर्माताओं को खोजबीन करने और योजना बनाने में दो महीने का समय लगा था। इस सीन के लिए इतना बड़ा सेट बनाया जाना था, जिसे शूट करने के लिए सात कैमरों की आवश्यकता थी। फिल्म का यह सेट कितना बड़ा होगा इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं। कि फिल्म के सेट पर 2000 झुग्गियों और कई कारों का सेट बनाया गया था।
सूत्रों के मुताबिक इस सीन को शूट करने में सबसे मुश्किल काम आपसी तालमेल का था। एक के बाद एक बाद कैमरों के बीच तालमेल बनाना आसान नहीं था। लेकिन अपूर्वा जानते थे कि उन्हें कैसे सीन शूट करना है। इसलिए उन्हें शूट करने में इतनी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा।
फिल्म के निर्माता साकेत साहनी का कहना है, "हमने स्लम बस्ती धारावी का सेट बनाया था, और वहां 120 फाइटर और 300 जूनियर आर्टिस्ट मौजूद थे। हमने क्वालालाम्पुर से कुछ कारें भी इस सीन के लिए खास तौर पर मंगाई थी। रैली ड्राइवरों की एक स्पेशल टीम भी हमने सीक्वेंस को ठीक से अंजाम देने के लिए बुलाई थी।"
संजय दत्त, राम चरण तेज़ा और प्रियंका चोपड़ा अभिनीत यह फिल्म 75 करोड़ के बजट की हैं। जो 6 सितंबर को रिलीज होगी।