उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान गीतकार प्रसून जोशी के समक्ष अपने ये विचार प्रस्तुत किए। शाहरुख को इस कार्यक्रम के दौरान राजस्थान पत्रिका कन्सन्र्ड कम्युनिकेटर अवार्ड से नवाजा गया।
शाहरुख ने कहा, "यह बात कोई मतलब नहीं रखती कि एक अभिनेता के रूप में मैं कितना अच्छा हूं। मैं यह भूमिका भी कर सकता हूं और वह भी। मैं कई ऐसी चीजें भी तैयार कर सकता हूं जो मेरे व्यक्तित्व को बदल सकें और उस भूमिका को अपना सकता हूं, जैसा मैं खुद बनना चाहता हूं। मैं इसके लिए काफी कोशिश कर सकता हूं लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं मुझे मिली परवरिश से अलग कुछ बन सकता हूं।"
उन्होंने कहा, "कहीं-कहीं मैं महसूस करता हूं कि मेरी परवरिश बहुत साधारण रही है। मेरे अभिभावकों ने मुझे अच्छी चीजों के विषय में सिखाया, व्यक्तिगत तौर पर मैं कुछ भी गलत बात करने से बचता हूं।"
शाहरुख ने कहा कि वह जिस तरह की फिल्में करते हैं, उनमें उनके व्यक्तित्व की झलक मिलती है।
उन्होंने कहा, "मैं फिल्मों में कुछ चीजें नहीं कह सकता। मुझे लगता है कि जब मैं अपने बच्चों के साथ या अकेले भी फिल्में देखूंगा तो ये चीजें अच्छी नहीं लगेंगी। मेरे अंदर एक स्वाभाविक सेंसरशिप है।"
इन दिनों शाहरुख अपनी आने वाली फिल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' के प्रचार में व्यस्त हैं। रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दीपिका पादुकोण ने भी अभिनय किया है।