फिल्म में उनके हार्ड हिटिंग और सोलफुल प्रदर्शन के बाद इरफ़ान को दर्शकों और आलोचकों की बहुत प्रशंसा मिली हैं। उन्होंने अपने आप को एक बहुमुखी कलाकार और निर्देशकों के लिए भाग्यशाली साबित कर दिया हैं।
2012 में आई तिग्मांशु धुलिया की फिल्म 'पान सिंग तोमर' जो एक वास्तविक नाम और एक वास्तविक जीवन पर आधारित थी। इसके बाद इरफ़ान को इसी नाम से बुलाया जाने लगा था। इस फिल्म के लिए उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म फेयर और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी जीता था। इस फिल्म में इरफ़ान के अभिनय ने उनके प्रशंसंको और आलोचकों को थिएटर तक खींचने पर मजबूर कर दिया था।
इसके अलावा इरफ़ान ने 2011 में आई सुधीर मिश्र की फिल्म 'ये साली जिंदगी' से भी खूब अच्छी समीक्षा बटोरी थी। जिसने उन्हें इंडस्ट्री में एक अलग स्थान पर खड़ा कर दिया था। इस फिल्म को जहाँ प्रशंसकों की प्रशंसा मिली थी वहीं आलोचकों भी इसकी सराहना किये बिना रह नहीं सके थे। इरफ़ान ने अपने आप को पिछले कुछ सालों से एक बहुमुखी कलाकार साबित कर दिया हैं।
उन्होंने अपने निर्देशकों को हमेशा उनकी उम्मीद से ज्यादा ही दिया हैं। भारत में ही नहीं इरफ़ान अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों में भी अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। इरफ़ान ने अब तक 'लाइफ ऑफ़ पाई', 'स्लम डॉग बिल्लेनियर' और 'नेमसेक' जैसी अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों में काम किया हैं।