शाहरुख अपनी फिल्म की कामयाबी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते इसलिए वे फिल्म के प्रचार के लिए छोटे पर्दे पर अतिथि के रूप दिखाई देने के साथ-साथ देश भर में घूम घूम कर फिल्म का प्रचार कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने अपनी फिल्म के प्रदर्शन के लिए ईद का दिन (8 अगस्त) चुना है।
अपनी पिछली कुछ फिल्मों में 47 वर्षीय शाहरुख काफी अलग-अलग भूमिकाओं में नजर आए। फिल्म 'बिल्लू बार्बर' में वे अपनी ही काल्पनिक भूमिका में दिखे तो 'माय नेम इज खान' में एस्पर्जर सिंड्रोम नामक बीमारी से पीड़ित रिजवान खान का जीवंत पात्र भी निभाया। यही नहीं उनकी 'रा.वन' देश में बनी अब तक की सबसे महंगी फिल्म है, जिसमें शाहरुख सुपरहीरो के अवतार में नजर आए। वहीं 'डॉन 2: द चेस कांटिन्यूस' के जरिए उन्होंने खलनायक के रूप में वापसी की।
उनकी 'माय नेम इज खान' ने विदेशों में अच्छा व्यापार किया। शाहरुख भी स्वीकारते हैं कि 'रा.वन' और बेहतर हो सकती थी। वहीं 'जब तक है जान' प्रदर्शन के बाद ही बॉक्स अॉफिस पर दम तोड़ गई थी।
बॉलीवुड के बादशाह कहे जाने वाले शाहरुख के लिए सफलता-असफलता के ये उतार चढ़ाव नई बात नहीं है। दो दशकों के उनके कॅरियर में 'मैं हूं ना' 'वीर-जारा' 'स्वदेश' और 'पहेली' जैसी फिल्में भी शामिल हैं, जिनको फिल्म समीक्षकों ने काफी सराहा था लेकिन बॉक्स अॉफिस पर फिल्में कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई थीं।
साल 2006 में आई डॉन ने जबरदस्त व्यापार कर शाहरुख को बुरे दौर से राहत दी थी। इसके बाद उनकी एक के बाद एक दो फिल्में 'ओम शांति ओम' और 'चक दे इंडिया' आईं, जो समीक्षकों की नजर और बॉक्सऑफिस दोनों ही जगह सफलतम रहीं।
लोगों को अब रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनीं 'चेन्नई एक्सप्रेस' से काफी उम्मीदें हैं, जिसमें शाहरुख अभिनेत्री दीपिका पदुकोण संग दिखेंगे। फिल्म नौ अगस्त को प्रदर्शित हो रही है।