मनोज बाजपेयी जो अब तक के अपने करियर में 'सत्या', 'राजनीति', 'गैंग ऑफ़ वासेपुर' और 'चक्रव्यूह' जैसी फिल्मों में किये गये उम्दा अभिनय की वजह से जाने जाते हैं। अब उनके अभिनय और फिल्मों को लेकर मायने बदल गये हैं। अब वह फिल्मों में अच्छे किरदार के लिए नहीं बल्कि अच्छे पैसे के लिए काम करना चाहते हैं। अपने ये विचार मनोज ने एक सामूहिक साक्षात्कार के दौरान कहे। वह कहते हैं कि निर्देशकों को अब उन्हें अच्छे किरदारों का प्रलोभन देना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि पैसा उनके लिए मायने रखता हैं। समय के इस बिंदु पर, मेरे लिए पैसा एक महत्वपूर्ण कारक हैं। आज मैं जिस जगह पर हूँ, मैं वहां से लोगों को कह सकता हूँ कि अगर आप के पास पैसा हैं तो ही मुझे फिल्मों में ले।
मनोज आगे कहते हैं, "मेरी प्राथमिक्ताओं में बदलाव का कारण हैं कि मैंने इस इंडस्ट्री में अपने दो दशक पूरे कर लिए हैं, और मैंने अपने आप को साबित करने के लिए बहुत मेहनत कर ली हैं। अब मेरा एक परिवार भी ही हैं जिसने मेरी सहायता की हैं। जब मैं इस इंडस्ट्री में आया था तो मेरे लिए पैसा मायने नहीं रखता था। मैं उस वक़्त सिर्फ एक अभिनेता के तौर पर अपने आप को देखना चाहता था। मेरे परिवार के अलावा दूसरे नम्बर पर मेरी जॉब हैं जो मुझे पूरा करती हैं। मैं एक बड़ा अभिनेता होने का दावा नहीं करता। हालांकि मुझे लगता हैं कि एक बड़े अभिनेता के सामने मैं कुछ भी नहीं हूँ।
अपने अब तक के फ़िल्मी करियर के बाद अब मनोज बाजपेयी निर्माण के क्षेत्र में भी अपना हाथ आजमाना चाहते हैं।
वह कहते हैं, "मैं फिल्म निर्माण में इसलिए आ रहा हूँ क्योंकि मैं एक अच्छे सिनेमा को प्रोमोट करना चाहता हूँ। जैसे ही मुझे एक निर्माता के तौर पर अच्छी स्क्रिप्ट मिल जाती हैं, मैं आगे बढ़कर इस पे काम करूँगा। फिल्म निर्माण में आना मेरे लिए मनी-मेकिंग बिजनेस नहीं हैं। मैं एक कम मुनाफे पर भी काम करूँगा, मैंने अपनी अब तक की पूरी जिन्दगी में इस दिन को देखने के लिए बहुत इंतजार किया हैं। साथ ही अब मैं इसका घर पर बैठकर इंतजार करते-करते बीमार और बोर हो चुका हूँ।
मेरे लिए पैसा बहुत मायने रखता हैं: मनोज बाजपेयी
Monday, September 02, 2013 17:36 IST



