रजनी की यह अध्यापिका 78 वर्षीय बीएन शनथम्मा हैं, जिन्होंने उन्हें 50 साल पहले गविपुरम के गवर्नमेंट मॉडल प्राइमरी स्कूल में, पांचवीं, छठी और सातवीं क्लास में, इंग्लिश, कन्नड़ और साइंस पढ़ाई थी। इनके बारे में रजनी को दो महीने पहले ही, रजनी मुरगन नाम के अपने एक फैन से पता चला कि वह इन दिनों आर्थिक तंगी के बेहद बुरे दौर से गुजर रही हैं।
जैसे ही रजनी को इस बारे में पता चला उन्होंने तुरंत अपनी अध्यापिका से फ़ोन पर बात की और बैंगलूर आकर मिलने की बात कही। लेकिन अपने मस्तिष्क में चल रही खलबली के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं होने दी। इसके बाद रजनी ने अपनी अध्यापिका को 'टीचर्स डे' के मौके पर तौफा देने का फैसला किया। उन्होंने रजनी मुरगन से अपनी अध्यापिका का अकाउंट नंबर पता करवाया और उसमें 3 लाख रूपये डलवा दिए।
साथ ही शनथम्मा को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। उन्हें इसका पता शनिवार को यानी 'टीचर्स डे' से दो दिन पहले चला कि उनके अकाउंट में 3 लाख रूपये आए हैं लेकिन आए कहाँ से हैं ये जानकारी बेहद गुप्त थी।
इस बात की जानकारी रजनी मुरगन ने अपने एक साक्षात्कार के दौरान मीडिया को दी। उन्होंने रजनी के बारे में बताते हुए कहते हैं, "इससे पता चलता है कि उनकी याददाश्त कितनी तेज है। वह कहते हैं कि रजनी सर के करीबी सहयोगी और पीए ने मुझे कॉल किया। उन्होंने मुझे उनकी टीचर से उनका अकाउंट चेक करवाने को कहा। यह सर का लोगों की मदद करने का तरीका है। वह ज्यादातर ऐसा पब्लिक की नजरों से दूर रहकर ही करते हैं। यह मौका अलग ही है, जो सामने आ गया।"