एक संवाददाता सम्मेलन में 'मिस लवली' पर बोलते हुए नवाजुद्दीन ने कहा, "हमारी फिल्में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराही गई हैं। 'मिस लवली' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' आने वाली फिल्मों के लिए कान में एक मंच तैयार करने वाली प्रथम फिल्में थीं।"
उन्होंने कहा, "जब 'द लंचबॉक्स', 'मानसून शूटआउट' और 'बांबे टॉकीज' सरीखी फिल्में कान गईं तो उन्हें तत्परता से स्वीकार किया गया था। 'मिस लवली' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के बाद ही कान ने हमारी फिल्मों को गंभीरता से लेना शुरू किया।"
असीम अहलूवालिया निर्देशित यह फिल्म उस वास्तविक घटना पर आधारित है, जिसने वर्ष 1980 में सी-ग्रेड फिल्मोद्योग को हिलाकर रख दिया था।
नवाजुद्दीन ने कहा, "फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। उस समय सी-ग्रेड फिल्मकारों के बीच कुछ बहुत बड़ी बात हुई थी। मैं उस घटना के बारे में बात नहीं कर सकता।"