भंसाली ने कहा, "पिछले साल मेरी बहन ने मेरे 50 साल के होने पर बहुत बड़ी पार्टी रखी थी। इस बार मैं कोई धूमधाम नहीं चाहता हूं।"
उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ विचार करना और लिखना चाहता हूं। मैं जन्मदिन की पार्टी मनाने में कभी विश्वास नहीं करता। बचपन में मैं और मेरी बहन जन्मदिन की पार्टी नहीं मनाते थे। हम मिठाई का डिब्बा स्कूल ले जाते थे और अपने सहपाठियों में बांटते थे, बस इतना ही करते थे।"
भंसाली ने कहा, "न तो हम जन्मदिन पार्टी मनाते थे और न पार्टियों में जाने की हमें अनुमति थी। अब तो मुझे अपने जन्मदिन पर अकेले ही रहने की आदत पड़ गई है।"
भंसाली अपने आप को रचनात्मक तौर पर पहले से कहीं ज्यादा संतुष्ट मानते हैं। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मैं अपनी जिंदगी के उस पड़ाव पर हूं जहां मेरा कई सालों का अर्जित ज्ञान, अनुभव, काम फलने लगा है। आज मैं उससे कहीं ज्यादा संतुष्ट और पूर्ण महसूस करता हूं, जितने 10 साल पहले करता था।"
भंसाली खुद को फिर से युवा महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, "आज मैं खुद को कहीं ज्यादा युवा महसूस करता हूं। मैं कलाकार के रूप में आज ज्यादा निडर हो गया हूं। मैं विभिन्न तरह की प्रतिभाओं के साथ काम कर रहा हूं। मैंने 2008 में एक ओपेरा का निर्देशन किया था। अब मैं ज्यादा से ज्यादा नई चीजें करना चाहता हूं और यदि मेरे पास अपनी टीम हो तो कर सकता हूं।"
अब तक अविवाहित फिल्मकार भंसाली ने कहा, "सारी तकलीफ, दर्द, प्रेम, जुनून और संघर्ष ने मुझे आज यहां ला खड़ा किया। मैं संवेदनशील प्रेम कहानियां बनाता हूं, क्योंकि मेरे जीवन में प्रेम कभी नहीं रहा। मेरी कला ही मेरे जीवन को पूर्ण करती है। हो सकता है मेरा जीवन अधूरा रह जाए, लेकिन यह उतना भी दुखद नहीं है।"