व्यापार विश्लेषक, आमोद मेहरा का कहना है, "फ़िल्म ने पहले दिन कोई असाधारण शुरुआत तो नहीं की है लेकिन हाँ इसने 4.5 करोड़ की कमाई कर ली थी। जो फ़िल्म ग्राफ की कसौटी पर एक ठीक-ठाक शुरुआत मानी जाती है। मध्यम बजट पर बनी यह फ़िल्म परिवारों को लुभाने में ज्यादा कामयाब रही है। कहा जा सकता है कि फ़िल्म में सेटेलाइट मूल्यों के हिसाब से ठीक है और लगता है कि यह आसानी से बिक जाएगी।
वहीं प्रदर्शक राजेश थडानी कहते है, "हालाँकि फ़िल्म की शुरुआत थोड़ी सी निराशाजनक रही है, लेकिन हफ्ते के अंत में फ़िल्म के व्यापार में बढ़ोतरी हुई है। इसी शुक्रवार, शनिवार, और रविवार को कमाई 'हाइवे' और 'हंसी तो फंसी' से बेहतर थी। जो अभी भी थियेटर में लगी है। फ़िल्म के पहले हफ्ते में 31 करोड़ कमाने की संभावना है। वहीं अगर इस साल की शुरुआत की बात की जाए तो जनवरी के मुकाबले फरवरी का महीना ज्यादा फायदे मंद रहा है।
कमाई का जिक्र करते हुए मेहरा ने कहा, "फ़िल्म इंडस्ट्री जनवरी के महीने में 100 करोड़ के घाटे में रही है। लेकिन पिछला महीना प्रदर्शकों और वितरकों के लिए ठीक रहा है। महीने की सभी फ़िल्में जैसे 'गुंडे', 'हंसी तो फंसी' और शादी के साइड इफेक्ट्स' इन सभी ने ठीक ठाक व्यापार किया। साथ ही भले ही इन्होने पैसे के मामले में अच्छा काम ना भी किया हो लेकिन इन्हें आलोचकों की प्रशंसा खूब मिली है।