रणदीप इस तथ्य से वकिफ हैं कि वह हिंदी सिनेमा के 'राज' और 'प्रेम' जैसे किरदारों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते। उन्हें मालूम है कि जिस तरह के किरदार वह चुनते हैं, वहां उनके लिए ज्यादा संभावनाएं हैं, चाहे व्यवसायिक सिनेमा हो या समानांतर सिनेमा।
रणदीप ने बैंकाक से फोन पर बात करते हुए आईएएनएस को बताया, "बॉलीवुड में ज्यादातर दर्शकों के लिए हीरो के मायने 'राज' 'राहुल' या 'प्रेम' है। यह जनमानस का एक हिस्सा बन चुका है।"
उन्होंने कहा, "पहले की बात अलग थी। फिल्मों में बड़े और नामी कलाकार हीरो का किरदार निभाते थे, जो एक शालीन और अच्छे व्यक्तित्व वाला होता था। लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं किया।"
फिल्म 'हाईवे' यदि अपने निर्देशक इम्तियाज अली की एक फिल्मकार के रूप में रचनात्मकता की पुष्टि करती है, तो एक अभिनेता के रूप में रणदीप के कला कौशल को भी साबित करती है। यह फिल्म इस बात को साबित करती है कि रंगमंच से ताल्लुक रखने वाले रणदीप आखिर दूसरे अभिनेताओं से अलग क्यों है।
रणदीप ने कहा, "हर अभिनेता यह चाहता है कि उसकी पहुंच एक बहुत बड़े दर्शक वर्ग में हो। इसलिए मैं व्यवसायिक सिनेमा की तरफ ज्यादा रुझान नहीं रखता। समांतर सिनेमा की अपनी खूबसूरती होती है, आप भी यह समझ जाएंगे चाहे देर से ही सही।"
रणदीप के पास इस समय 'उंगली' 'किक' और 'मैं और चार्ल्स' जैसी फिल्में हैं।