फिल्म 'फंस गए रे ओबामा', 'भेजा फ्राई', 'मानसून वेडिंग', 'दिल चाहता है' में उनके काम की काफी सराहना हुई।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, "मैं हिंदी फिल्में नहीं देखता। 95 फीसदी ऐसी फिल्में बनती हैं जो तारीफ के काबिल नहीं होती।"
हिंदी में उन्हें 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' पसंद आई। इसी तरह मराठी में उन्हें 'हरिश्चंद्राची फैक्टरी' पसंद आई।
रजत इन दिनों 'आंखों देखी' के प्रमोशन में व्यस्त हैं। यह पुरानी दिल्ली में एक छोटे से घर में परिवार के साथ रहने वाले राजे बाउजी की कहानी है।