किरण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चंडीगढ़ से चुनाव लड़ रही हैं और मंगलवार को चुनाव प्रचार के लिए अनुपम के साथ चंडीगढ़ में थीं।
किरण मंगलवार को जैसे चंडीगढ़ पहुंचीं, उनकी उम्मीदवारी का विरोध कर रहे स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारे लगाए व उन्हें काले झंडे दिखाए।
किरण के साथ चंडीगढ़ दौरे में शामिल अनुपम प्रदर्शनकारियों को इतना महत्व दिए जाने को हास्यास्पद मानते हैं।
उन्होंने कहा, "वहां मुश्किल से सात या आठ लोग ही होंगे, जो प्रदर्शन कर रहे थे। इन्हें तो नजरअंदाज किया जा सकता है। और मैं तो कहता हूं कि लोकतंत्र में हर किसी को विरोध जताने का हक है। किरण और मैंने विरोध प्रदर्शन को गंभीरता से नहीं लिया।"
यह पूछे जाने पर कि आखिर किरण का विरोध क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा, "उन्हें शायद यह लगता है कि वहां ज्यादा योग्य नेता हैं, जिन्हें टिकट दिया जाना चाहिए। लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि यदि हाईकमान को लगता है कि कोई व्यक्ति विशेष किसी जगह विशेष से चुनाव लड़ने के योग्य है, तो हम सबको पार्टी के फैसले का सम्मान करना चाहिए और बच्चे की तरह खिलौना न दिए जाने जैसी नखरेबाजी नहीं करनी चाहिए।"
अनुपम ने कहा, "वहां ऐसी कोई बड़ी बात नहीं हुई। मुट्ठीभर प्रदर्शनकारियों हरकत पर हाय-तौबा मचाया जा रहा है और उन 500 समर्थकों का क्या जो हवाईअड्डे पर किरण किरण के स्वागत और हौसला अफजाई के लिए आए थे। और जहां तक मेरी गाड़ी में अंडे फेंके जाने की बात है, जैसा कि मीडिया का कहना है, तो मुझे वे सारे अंडे दिखाइए, मैं उनका ऑमलेट बनाऊंगा।"
उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी इस घटना से जरा भी नहीं घबराई हैं। "वह एक मजबूत महिला हैं। वह राजनीति में लंबा दांव खेलने के लिए खुद को तैयार कर रही हैं।" हालांकि अनुपम का सक्रिय राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा, "परिवार में एक ही नेता काफी है।"