भारतीय मूल की जर्मन अभिनेत्री एवलीन शर्मा के लिए हिंदी फिल्म जगत में बाहरी (विदेशी) कलाकार होना फायदे की बात रही। वह कहती हैं कि हिंदी फिल्मों में एक विदेशी होना उनके लिए काफी फायदेमंद रहा। देखा जाए तो हिंदी सिनेमा ने बीते कुछ समय में विदेशी कलाकरों को काफी अवसर दिए हैं।
पिछले कुछ सालों में भारतीय फिल्म उद्योग ने विदेशी प्रतिभाओं का बाहें फैलाकर स्वागत किया है। अभिनेत्री कैटरीना कैफ (ब्रिटेन) जैकलीन फर्नाडीज (श्रीलंका) नरगिस फाकरी (अमेरिका) एलेना कजान (रूसी मूल की जर्मन) एल्ली अवराम (स्वीडन) लॉरेन गॉटलीब (अमेरिका) हेजल कीच (ब्रिटेन) और क्रिस्टीना अकीवा (रूस) इसके कुछ उदाहरण हैं।
एवलीन ने आईएएनएस को बताया, "मेरे लिए यह फायदे की बात रही। यह निर्देशक पर निर्भर करता है कि वह मुझे पश्चिमी परिधान में पर्दे पर उतारते हैं। वैसे मैं पश्चिमी पोशाकों के साथ पारंपरिक भारतीय परिधान में भारतीय किरदार भी बहुत अच्छे से निभा सकती हूं।"
एवलीन (23) की इसी योग्यता ने उनके लिए विकल्पों के ज्यादा दरवाजे खोल दिए हैं।
पंजाबी पिता और जर्मन मां की संतान एवलीन ने ब्रिटिश फैशन ब्रांड के लिए कुछ समय तक मॉडलिंग करने के बाद अभिनय के क्षेत्र की तरफ कदम बढ़ाए।
उनके पिता की काफी पहले मौत हो गई थी। सिर्फ तीन साल पहले भारत आईं एवलीन ने यहां आकर पहली बार महसूस किया कि उन्हें चाय, परांठे और बिरयानी से लगाव है।
एवलीन ने 2012 में फिल्म 'फ्रॉम सिडनी विद लव' से हिंदी फिल्मों में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने 'नौटंकी साला', 'ये जवानी है दीवानी', 'इसक' और 'यारियां' में देशी और विदेशी दोनों तरह के किरदार निभाए।
जल्द ही एवलीन निर्देशक डेविड धवन की आनेवाली फिल्म 'मैं तेरा हीरो' में नजर आएंगी।
Monday, March 31, 2014 18:40 IST