कंगना कहती है, "मुझे लग रहा है कि ये मेरे जीवन का बहुत खुबसुरत समय है। इस से पहले मेरे साथ इतने अच्छे से व्यावहार कभी नही किया गया। अब सच में लोगों को मेरे काम के बारे में पता चला है। ये बहुत अच्छा है।"
कंगना अपनी फिल्मों के चुनाव के बारे में कह्ती है, "मैं वो करती हूँ जो मुझे पसंद आता है। मैं रानी के जैसा ही पसंद करती हूँ, या डार्क ड्रामा और या कॉमेडी ये ही मुझे पसंद आता है। मैं सिनेमा को 'क्वीन' के रूप में बदल देना चाहती हूँ, जो मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करता है।"
कंगना इस बात को भी स्वीकार करती है कि इन कुछ सालों में उनकी विचार धारा भी बदली है, "विचार धाराएं हमेशा बदलती रहती है। यहाँ बहुत से ऐसे किरदार है, और अभिनेत्रियों की छवि सिर्फ़ ग्लैमर ही है। जिसके लिए उन्हें संसार द्वारा अत्याचार किया जाता है। वे सभी सिर्फ़ भेड़-चाल वाली फ़िल्में है। लेकिन अब फिल्मों में बहुत सी विविधताएं है और यह बहुत अच्छा है।"
अब इसके बाद जहाँ पहले कंगना पुरुस्कार सामारोह के बारे में ज्यादातर चुप ही रहती थी वहीं अब उन्होंने इसके लिये जो शब्द पर्योग किया है वह है "क्रिडिबल" पहले वह पुरुस्कार समारोह में नही जाती थी लेकिन इस बार जब मंगलवार को उन्हें पुरुस्कार से सम्मानित किया गया तो उन्होंने कहा , पहले मैं पुरुस्कारों को ना कह देती थी, लेकिन फ़िर मुझे प्रणय रॉय की तरफ से एक पत्र मिला और उन्होंने मुझे उसमें जाने के लिये उत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यह एक फ़िल्मी पुरुस्कार नही है ये पुरस्कार सभी क्षेत्रों के लिये है और इसीलिए मैँ इसमें गई।"
वहीं कंगना के पसंदीदा अभिनेता समझने वाले आमिर खान ने कंगना को 'क्वीन' में देखने के बाद उनकी तारीफ़ किये बिना नही रह पाए जो इस पुरस्कार को प्रस्तुत करने जा रहे थे। कंगना का कहना है कि वह मेरे लिये बहुत बडी प्रेरणा रहे है।"