यह घटना शनिवार रात मीरा रोड स्थित उनके घर के पास ही हुई, और उनके साथ उनका भाई भी था।
पूनम ने कहा, "यह तालिबान से भी बदतर है। जब पुलिस ने मुझसे सवाल-जवाब किया तो रात के 10.30 बजे का समय था। मैं अपने खुद के भाई आदित्य पांडे के साथ थी। मैं कार में न शराब पी रही थी और न ही कोई गलत व्यवहार कर रही थी।"
पूनम ने कहा कि पुलिस ने जब तक उनका नाम नहीं सुना तब तक सामान्य व्यवहार किया। उन्होंने बताया, "जिस पल मैंने कहा कि मैं पूनम पांडे हूं, उनका व्यवहार बदल गया।" पूनम ने कहा, "पुलिस को लगा कि मैं पूनम पांडे हूं, वे अपनी जिंदगी में कुछ रोमांचक बना सकते हैं। और वे आठ मिनट में मशहूर हो गए। अचानक यह टीवी चैनलों पर आ गया।" पूनम को लगता है कि शायद उनके उपनाम के कारण ऐसा हुआ।
उन्होंने कहा, "शायद स्थानीय कानून व्यवस्था को लगता है कि मैं उत्तर प्रदेश से हूं क्योंकि मेरा उपनाम पांडे है। लेकिन मैं मुंबई में ही पैदा हुई और पली-बढ़ी हूं। और अगर नहीं भी होती तो पुलिस को मेरे व्यवहार पर सवाल करने का क्या अधिकार है।"
पूनम ने कहा कि वह पूरे कपड़ों में थीं। शनिवार की घटना से पूनम का परिवार सदमे में है।
पूनम ने बताया, "मेरे भाई को सदमा लगा। मेरे माता-पिता इसके लिए मुझे दोष दे रहे हैं। लेकिन आप ही बताइए मेरी क्या गलती थी।"