शर्मिला ने मंगलवार को क्लीनिक प्लस द्वारा मदर्स डे मनाने के लिए रखे एक कार्यक्रम में पत्रकारों को बताया, "मैंने और मंसूर ने सोचा था कि सोहा अकादमिक करियर अपनाएंगी। शुरुआत में वह फोर्ड फाउंडेशन के साथ विकास क्षेत्र में काम कर रही थीं और उसके बाद, उसने सिटीबैंक के साथ काम करना शुरू किया। तब हमने सोचा कि शायद उसने अपना मन बदल लिया है।"
उन्होंने बताया, "लेकिन उसके बाद उसने फिल्मों में काम करने में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी और उसकी पहली फिल्म एक बांग्ला फिल्म थी जिसके बांग्ला होने से, मैं काफी खुश थी।"
वह कहती हैं कि अभिभावक के रूप में उन्होंने हमेशा अपने बच्चों का साथ दिया।
शर्मिला ने कहा, "हमने उम्मीद नहीं की थी कि सैफ भी फिल्मों में जाएंगे क्योंकि दोनों ही फिल्मों से पूरी तरह दूर रहे थे। लेकिन उन्होंने फिल्मों को चुना और हमने साथ दिया।"