71 वर्षीय अभिनेता ने अपने ब्लॉग पर बरसों पुरानी अपनी याद ताजा की और बताया कि कैसे अपने दादा दादी से मिलने के लिए वे इलाहाबाद से ट्रेन से कराची जाया करते थे। घटना के दौरान बच्चन महज दो साल के थे।
बच्चन ने कहा, "मुझे लगता है कि तब इलाहाबाद से कराची की यात्रा में दो दिन का वक्त लगता होगा। उनके दादा ने इंग्लैंड से 'बार-एट-लॉ' किया था और वह कराची में रहा करते थे। लौटने के दौरान हमें ट्रेन बदलनी पड़ती थी, तभी यात्रियों की भीड़ में मेरी मां को यह पता चला कि मैं पिताजी के साथ नहीं हूं जिनका मैंने हाथ पकड़ रखा था।"
बच्चन ने आगे लिखा, "इससे चिंतित मेरे माता पिता पूरे प्लेटफॉर्म पर मेरा नाम लेकर पुकारने लगे और लोगों से पूछते कि क्या किसी ने भी दो साल के उनके बच्चे को देखा है? कुछ घंटों की प्रतीक्षा और हताशा के बाद एक यात्री ने बताया कि उन्होंने एक बच्चे को ओवर ब्रिज पर देखा है।"
उन्होंने बताया, "यात्री द्वारा बताए गए स्थान पर पहुंचने पर मेरे माता पिता ने बताया कि मैं पुल की फर्श पर बैठा बेहद खुश था। उस उम्र में भी मेरे पैर काफी लंबे थे और मैं रेलिंग पर झूलता हुआ ट्रेनों को वहां से गुजरते हुए देख रहा था।"
'भूतनाथ रिटर्न्स' स्टार ने ब्लॉग में ट्रेन को निहारते हुए अपनी तस्वीर पोस्ट की और कहा कि आज भी वे ट्रेनों को गुजरते हुए देखते हैं, भले ही उन्हें देखने की इच्छा उतनी तीव्र न हो लेकिन वे उन्हें बचपन के दिनों की याद दिला जाते हैं।