शर्मन ने एक बयान में कहा, "यह फिल्म न केवल मेरी मां, बल्कि दुनियाभर की मांओं को एक भेंट है।"
उन्होंने कहा, "मैंने अक्सर देखा है कि लोग मदर्स डे पर अपनी मां के लिए कुछ करते हैं और उसके बाद भूल जाते हैं। मैं इस लघु फिल्म के जरिए लोगों को अहसास कराना चाहता था कि मां के प्रति प्यार जाहिर करने के लिए कोई विशेष दिन नहीं होना चाहिए क्योंकि मदर्स डे तो रोज होता है।"
यह फिल्म उस एक मर्मस्पर्शी घटना के इर्दगिर्द घूमती है, जहां शर्मन का किरदार देखता है कि दफ्तर में एक सहकर्मी काम के बीच में उनसे (शर्मन) बात करने पर उनकी मां को फटकार लगा रहा है। इस घटना के बाद, वह अपने सहकर्मियों को बताना शुरू करते हैं कि कैसे कुछ लोग (मां) पूरे साल, यहां तक कि त्योहारों के दौरान भी बिना कोई वेतन लिए काम करते रहते हैं।