लगता है इमरान हाशमी फिल्मों में सिर्फ दो ही शैलियों के शौक़ीन हैं एक तो किस सीन और दूसरी डरावनी फ़िल्में। उनके फ़िल्मी ग्राफ में, ज्यादातर ऐसी ही फ़िल्में शामिल हैं। वहीं डरावनी फिल्मों पर इमरान की सोच है कि उन्हें वहीं फ़िल्में करनी है जिनसे वह खुद डर सकें।
हाशमी ने एक साक्षात्कार में कहा है, "मैं समझता हूं कि मुख्यधारा का सिनेमा मेरे लिए जरूरी है। यह मेरी रोजी रोटी है लेकिन साल में एक बार मैं 'टाइगर्स' जैसी फिल्म करना चाहता हूं जो मुझे रोमांचित करे और एक कलाकार के रूप में थोड़ा डराए। खतरा लेना बड़ी बात है लेकिन अगर आप इस रास्ते पर नहीं जाते हैं तो इसका मतलब है कि आपकी कला मर गई है और एक कलाकार के तौर पर आपकी रचनात्मकता खत्म हो गई है।
Wednesday, September 17, 2014 15:40 IST