गोवारिकर ने कहा, "यह व्यक्ति की पसंद, उसकी रूचि और किसी चीज में दिलचस्पी बनाये रखने एवं उसपर आगे बढ़ते रहने की क्षमता है। मेरे लिए 'लगान' आमिर खान के बगैर कभी नहीं बन सकती थी और इसी तरह ऋतिक के बिना 'जोधा अकबर' भी नहीं बन सकती थी।"
उन्होंने एक मुलाकात में कहा, "मोहन भार्गव (स्वदेश) का किरदार शाहरूख खान के बगैर नहीं संभव होता। (खेले हम जी जान से) में सूर्यासेन की भूमिका में अभिषेक के संदर्भ में भी यही बात है। इसलिए मेरे लिए यह स्वभाविक था कि मैंने ऋतिक से समय लेने के लिए तीन साल तक इंतजार किया।"